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मनोविज्ञान व्यक्ति के मन-मस्तिष्क का अध्ययन है। हालांकि लोगों का व्यवहार भी इसके अध्ययन क्षेत्र के दायरे में आता है, क्योंकि व्यक्ति के विचारों से ही उसका व्यवहार भी प्रभावित होता है। यह विषय व्यक्ति के मानसिक विकास, मस्तिष्क की कार्य-प्रणाली और मानसिक समस्याओं का वैज्ञानिक और व्यवस्थित अध्ययन है। मनोवैज्ञानिक इस बात का भी अध्ययन करते हैं कि कोई व्यक्ति किसी खास ढंग से क्यों सोचता या व्यवहार करता है।
बढ़ती उपयोगिता
मनोविज्ञान की मदद से व्यक्ति के व्यवहार को जरूरत के अनुरूप ढालने में मदद मिलती है। कैरियर निर्माण से लेकर कारोबार तक, कर्मचारी चयन से लेकर प्रबंधन तक, लॉ से लेकर स्पोर्ट्स तक मनोविज्ञान की जरूरत आज विभिन्न क्षेत्रों में है। खास तौर पर कैरियर चयन और तनाव से निजात दिलाने में साइकोलॉजिकल काउंसलिंग का कोई जवाब नहीं है।
मनोविज्ञान की शाखाएं
काउंसलिंग, क्लिनिकल साइकोलॉजी, न्यूरोसाइकोलॉजी, इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी, डेवलपमेंटल साइकोलॉजी, सोशल साइकोलॉजी, एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी आदि मनोविज्ञान की कई शाखाएं हैं। व्यक्ति और समाज के लिए मनोविज्ञान की प्रत्येक शाखा की अपनी खास उपयोगिता है। उदाहरण के लिए, काउंसलर जहां कैरियर से लेकर निजी समस्याओं तक के समाधान के लिए लोगों को वैज्ञानिक आधार पर अपनी सलाह देते हैं, वहीं डेवलपमेंटल साइकोलॉजिस्ट का संबंध बच्चों के शारीरिक, मानसिक और संज्ञानात्मक विकास से होता है। इसी तरह मनोविज्ञान की सभी शाखाएं किसी-न-किसी रूप में फायदेमंद हैं।
कोर्स कैसे-कैसे
वैसे तो बैचलर स्तर पर ही मनोविज्ञान का अध्ययन विस्तार से शुरू होता है, पर कुछ राज्यों में 12वीं स्तर पर भी इसकी पढ़ाई होती है। किसी भी संकाय के विद्यार्थी 12वीं के बाद बैचलर कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है। फिर एमफिल/पीएचडी जैसे कोर्स भी किए जा सकते हैं। सामान्य पाठ्यक्रमों के अलावा इसमें एमएससी अप्लायड साइकोलॉजी, पीजी डिप्लोमा इन गाइडेंस ऐंड काउंसलिंग, पीजी डिप्लोमा इन चाइल्ड साइकोलॉजी केयर ऐंड मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन क्लिनिकल ऐंड कम्युनिटी साइकोलॉजी आदि जैसे कोर्स भी विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध हैं। मनोविज्ञान में बेहतर कैरियर के लिए इससे संबंधित विभिन्न क्षेत्रों, जैसे क्लिनिकल साइकोलॉजी, रिहैबिलिटेशन साइकोलॉजी, चाइल्ड साइकोलॉजी, काउंसलिंग आदि में से किसी में भी विशेषज्ञता हासिल करना फायदेमंद है।
कहां-कहां हैं मौके
मनोविज्ञानियों और मनोचिकित्सकों के लिए विभिन्न मानसिक अस्पतालों में रिक्तियां निकलती रहती हैं। काउंसलिंग के लिए स्कूल, कॉलेज और स्पोर्ट्स संस्थानों में भी ऐसे प्रोफेशनल्स मौके पाते हैं। इसके अलावा उच्च शिक्षा प्राप्त करके अध्यापन और शोध से संबंधित कार्यों से भी जुड़ा जा सकता है। कर्मचारियों के चयन के मद्देनजर भी विभिन्न चयन आयोगों द्वारा आजकल मनोवैज्ञानिकों की सेवा ली जाने लगी है। खिलाड़ियों की काउंसलिंग के मद्देनजर भी ऐसे प्रोफेशनल्स की मांग बनी रहती है।
व्यक्तिगत काउंसलिंग के अलावा अन्य आवश्यकताओं के मद्देनजर भी मनोवैज्ञानिकों की जरूरत कई रूपों में बनी रहती है...
  • दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  • www.du.ac.in
  • बीएचयू, वाराणसी
  • www.bhu.ac.in
  • जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
  • www.jmi.nic.in
  • लखनऊ यूनिवर्सिटी, लखनऊ
  • www.lkouniv.ac.in
  • बेंगलुरु यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु
  • www.bangaloreuniversity.in
  • इग्नू, नई दिल्ली
  • www.ignou.ac.in
  • एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा
  • www.amity.edu
  • उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
  • www.osmania.ac.in
  • आंध्रा यूनिवर्सिटी, विशाखापट्टनम
  • www.andhrauniversity.info
 
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