आईपीसी की धारा 302 कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण है। कत्ल के आरोपियों पर धारा 302 लगाई जाती है। अगर किसी पर कत्ल का दोष साबित हो जाता है, तो उसे उम्रकैद या फांसी की सजा और जुर्माना हो सकता है। कत्ल के मामलों में खासतौर पर कत्ल के इरादे और उसके मकसद पर ध्यान दिया जाता है। इसमें, पुलिस को सबूतों के साथ ये साबित करना होता है कि कत्ल आरोपी ने किया है, उसके पास कत्ल का मकसद भी था और वो कत्ल करने का इरादा रखता था।
भारतीय दंड संहिता की (IPC) धारा-304ए
आईपीसी की धारा 304 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है,जिनकी लापरवाही की वजह से किसी की जान जाती है। इसके तहत दो साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों होते हैं। सड़क दुर्घटना के मामलों में किसी की मौत हो जाने पर अक्सर इस धारा का इस्तेमाल होता है।