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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए हर गरीब परिवार तक बैंक सुविधा पहुंचाने का वायदा किया था। इस घोषणा के महज एक पखवाड़े के भीतर ही 28 अगस्त को जन-योजना की शुरुआत कर दी गई। पहले ही दिन इस योजना के तहत 1.5 करोड़ नए बैंक अकाउंट खोले गए। मोदी सरकार इस योजना को लेकर कितनी उत्साहित है, इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि पहले इसे दो चरणों में पूरा करने की बात कही गई थी, लेकिन योजना के अनावरण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने इसे अगले साल 26 जनवरी तक ही पूरा करने का लक्ष्य रखा।
योजना का स्वरूप
जन-धन योजना का लक्ष्य आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाना है। इसके तहत 7.5 करोड़ परिवार तक पहुंचने की व्यवस्था की गई है। चूंकि हर परिवार के कम से कम दो सदस्यों का बैंक अकाउंट खोलने का लक्ष्य रखा गया है, इसलिए इस योजना के तहत 15 करोड़ नए खाते खोले जाएंगे। चूंकि अभी अपने देश में करीब आठ करोड़ शहरी और ढाई करोड़ ग्रामीण आबादी के पास अपना बैंक खाता नहीं है, इसलिए इस योजना में उन लोगों को शामिल किया गया है, जिनके पास एक भी बैंक खाता नहीं है। इस योजना का सूत्र वाक्य ‘मेरा खाता, भाग्य विधाता’ रखा गया है, जिसका अर्थ है कि बैंकिंग सुविधा मिलने के बाद गरीब स्वावलंबी होगा और अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर कर सकेगा। गरीबों के पास बैंक अकाउंट होने का लाभ यह होगा कि साहूकार की बजाय वह बैंक से कर्ज ले सकेगा और उसे साहूकारी की जाल से मुक्ति मिलेगी।
फायदा ही फायदा
इस योजना के कई फायदे हैं। जन-धन के तहत बैंक खाते जीरो बैलेंस पर खुलेंगे, यानी अकाउंट में 500 या 1000 रुपये रखने की बाध्यता नहीं होगी। इतना ही नहीं, छह महीने तक बेहतर तरीके से खाता संचालित करने वालों को 5000 रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा भी मिलेगी। पूरे परिवार के लिए एक लाख रुपये के मुफ्त दुर्घटना बीमा और 26 जनवरी तक खाता खुलवाने वालों को 30,000 रुपये के अतिरिक्त जीवन बीमा का लाभ भी मिलेगा। हर खाताधारक को बैंक से एक डेबिट कार्ड भी मिलेगा। इस योजना से नए रोजगार का भी निर्माण होगा। चूंकि 15 करोड़ खाते खोलने के लिए बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स की नियुक्ति की जाएगी, इसलिए माना जा रहा है कि इससे 50 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी।
आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाना ही जन-धन योजना का मुख्य उद्देश्य है...
आर्थिक-राजनीतिक लाभ
यूपीए सरकार ने देश के पांच करोड़ परिवारों के करीब 12 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए मनरेगा शुरू किया था। जन-धन योजना इसे टक्कर दे रही है। इस योजना को कई अन्य सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। उदाहरण के लिए, किसान कार्ड इसी योजना के तहत जारी होंगे, मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान इसी से होगा और असंगठित क्षेत्रों में पेंशन योजना लागू हो सकेगी। इतना ही नहीं, चूंकि इस योजना के तहत करीब सात हजार बैंक शाखाएं और 20 हजार नए एटीम खुलेंगे, इसलिए बैंकिग क्षेत्र में उछाल आएगा। 7.5 करोड़ लोगों का इंश्योरेंस होने से बीमा क्षेत्र को भी काफी फायदा होगा।
ऐसे खुलेगा खाता
आधार नंबर होगा, तो फिर किसी चीज की जरूरत नहीं होगी। आधार न होने पर एड्रेस प्रूफ चलेगा। मनरेगा जॉब कार्ड, बिजली, फोन बिल और वोटर कार्ड भी मान्य होंगे। जन्म और विवाह प्रमाण-पत्र के आधार पर भी खाते खुलेंगे। अगर कोई दस्तावेज नहीं है, तो अपने फोटो पर हस्ताक्षर करके फॉर्म भर सकते हैं, लेकिन 60 दिनों के अंदर संबंधित दस्तावेज जमा करने होंगे। सरपंच या किसी सरकारी अधिकारी अथवा कर्मचारी के लिखे पत्र के आधार पर भी जन-धन योजना का लाभ लिया जा सकता है।
 
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