आज हम बात करेंगे एग्जाम स्ट्रेस (How to solve the exam stress) से खुद को कैसे बचा सकते हैं
साप्ताहिक, मासिक, अर्ध-वार्षिक, वार्षिक या बोर्ड, exam का स्वरूप चाहे जैसा भी हो, उनको लेकर students stress होना आम बात है। एक निश्चित सीमा में तनाव की मात्रा तो बेहतर अध्ययन के मद्देनजर जरूरी ही होती है, क्योंकि इससे बेहतर preparation का दबाव विद्यार्थियों पर बनता है, जिसका लाभ अच्छे results के रूप में आखिरकार उन्हें ही मिलता है। लेकिन परीक्षा से संबंधित तनाव यानी exam stress की अधिकता विद्यार्थियों को परेशान करती है, जिसका विपरीत असर उनकी तैयारी पर तो पड़ता ही है, सेहत भी प्रभावित होता है। इससे आप खुद को बचा सकते हैं।
सबसे पहले आप अपनी positive thinking बनाए रखें। आपको इस बात कर यकीन होना चाहिए कि आप खूब मेहनत करके good preparation से बेहतर परिणाम ला सकते हैं। ऐसी सोच से पढ़ने का हौसला मितला है।
examination related सभी विषयों की बेहतर तैयारी ऐसे तनाव से बचने का मूलमंत्र है। जब तैयारी ही ठीक नहीं होगी तो तनाव तो होगा ही। इसके लिए समय रहते study का रुटीन बनाएं, जिनमें subjects को दिन ही नहीं, घंटों के हिसाब से बांट कर अध्ययन करें। पूरी honesty से रुटीन का पालन करें। उसमें रिवीजन के लिए समय जरूर निर्धारित करें।
Study के लिए ऐसी जगह होनी चाहिए, जो आपके entertainment के साधनों से दूर हो। हां, पढ़ाई के बाद जब रिलैक्स्ड होना हो, तब टीवी, रेडियो अथवा इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। पढ़ाई के लिए यदि इंटरनेट आवश्यक हो तो उसका प्रयोग जरूर करें। लंबे समय तक पढ़ाई करें, पर अपनी सुविधानुसार बीच-बीच में break लेते हैं। इसके लिए आंख बंद करके लेट जाएं, टहलने लगें, listening music या अपने किसी दोस्त से फोन पर बात करें, break की अवधि अधिक लंबी नहीं होनी चाहिए। अच्छी नींद भी जरूरी है। पढ़ाई चाहे जितनी भी करनी हो, अपने diet का ध्यान रखना अत्यंत जरूरी है।
अपनी capacity के अनुसार तैयारी करें और fearless हुए एग्जाम दें। तैयारी कुछ कम हो या परीक्षा में कोई सवाल गलत हो जाए तो भी घबराने की जरूरत नहीं। हो सकता है कि दूसरे परीक्षार्थियों ने भी कुछ सवाल गलत किए हों। पेपर देने के बाद उसके बारे में चर्चा करने की बजाय अगले पेपर की तैयारी पर ध्यान दें। रिजल्ट को लेकर भी तनाव न पालें। परिणाम आने के बाद ही भविष्य की रूपरेखा निर्धारित करें।
साप्ताहिक, मासिक, अर्ध-वार्षिक, वार्षिक या बोर्ड, exam का स्वरूप चाहे जैसा भी हो, उनको लेकर students stress होना आम बात है। एक निश्चित सीमा में तनाव की मात्रा तो बेहतर अध्ययन के मद्देनजर जरूरी ही होती है, क्योंकि इससे बेहतर preparation का दबाव विद्यार्थियों पर बनता है, जिसका लाभ अच्छे results के रूप में आखिरकार उन्हें ही मिलता है। लेकिन परीक्षा से संबंधित तनाव यानी exam stress की अधिकता विद्यार्थियों को परेशान करती है, जिसका विपरीत असर उनकी तैयारी पर तो पड़ता ही है, सेहत भी प्रभावित होता है। इससे आप खुद को बचा सकते हैं।
सबसे पहले आप अपनी positive thinking बनाए रखें। आपको इस बात कर यकीन होना चाहिए कि आप खूब मेहनत करके good preparation से बेहतर परिणाम ला सकते हैं। ऐसी सोच से पढ़ने का हौसला मितला है।
examination related सभी विषयों की बेहतर तैयारी ऐसे तनाव से बचने का मूलमंत्र है। जब तैयारी ही ठीक नहीं होगी तो तनाव तो होगा ही। इसके लिए समय रहते study का रुटीन बनाएं, जिनमें subjects को दिन ही नहीं, घंटों के हिसाब से बांट कर अध्ययन करें। पूरी honesty से रुटीन का पालन करें। उसमें रिवीजन के लिए समय जरूर निर्धारित करें।
Study के लिए ऐसी जगह होनी चाहिए, जो आपके entertainment के साधनों से दूर हो। हां, पढ़ाई के बाद जब रिलैक्स्ड होना हो, तब टीवी, रेडियो अथवा इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। पढ़ाई के लिए यदि इंटरनेट आवश्यक हो तो उसका प्रयोग जरूर करें। लंबे समय तक पढ़ाई करें, पर अपनी सुविधानुसार बीच-बीच में break लेते हैं। इसके लिए आंख बंद करके लेट जाएं, टहलने लगें, listening music या अपने किसी दोस्त से फोन पर बात करें, break की अवधि अधिक लंबी नहीं होनी चाहिए। अच्छी नींद भी जरूरी है। पढ़ाई चाहे जितनी भी करनी हो, अपने diet का ध्यान रखना अत्यंत जरूरी है।
अपनी capacity के अनुसार तैयारी करें और fearless हुए एग्जाम दें। तैयारी कुछ कम हो या परीक्षा में कोई सवाल गलत हो जाए तो भी घबराने की जरूरत नहीं। हो सकता है कि दूसरे परीक्षार्थियों ने भी कुछ सवाल गलत किए हों। पेपर देने के बाद उसके बारे में चर्चा करने की बजाय अगले पेपर की तैयारी पर ध्यान दें। रिजल्ट को लेकर भी तनाव न पालें। परिणाम आने के बाद ही भविष्य की रूपरेखा निर्धारित करें।
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