Glass production के अलावा इसके माध्यम से अपनी
creativity दिखाने में आपकी interest हो तो इससे संबंधित किसी पाठ्यक्रम में
दाखिला लेकर आप भी Glass industry का हिस्सा बन सकते हैं
हमारे
दैनिक जीवन में कांच का इस्तेमाल कई रूपों में होता है। चाहे बर्तनों की
बात हो या भवन निर्माण की, चिकित्सा की बात हो या विज्ञान संबंधी उपकरणों
का जिक्र हो, Furniture निर्माण हो या किसी शोपीस और शैंडेलिएर की रचना,
खिलौनों की चर्चा हो या वाहन की, शीशे के बगैर बात बन ही नहीं सकती।
हालांकि अब कांच की जगह कई रूपों में प्लास्टिक का भी इस्तेमाल किया जाने
लगा है, इसके बावजूद कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां कांच की जगह कोई अन्य पदार्थ
ले ही नहीं सकता। कांच के इस व्यापक इस्तेमाल के कारण यह रोजगार उत्पन्न
करने के मामले में भी काफी महत्वपूर्ण है।
काम की रूपरेखा (Work Profile of Glass Production)
इस
सेक्टर में आप या तो ग्लास प्रोडक्शन से संबंधित कार्यों से जुड़ सकते हैं
या इससे संबंधित क्राफ्ट वर्क्स से। ग्लास प्रोडक्शन में जहां बड़े पैमाने
पर शीशे के उत्पादन से संबंधित कार्य किए जाते हैं, वही क्राफ्ट वर्क्स के
तहत किसी वर्कशॉप या स्टूडियो में शीशे के विभिन्न उत्पाद बनाए जाते हैं,
जैसे ग्लास वेयर, स्टेंड ग्लास आदि। शीशे से संबंधित डिजाइनिंग का काम भी
इसके तहत आता है।
कोर्स कैसे-कैसे (Glass Production Courses Details)
कांच
की जरूरत और उपयोगित के मद्देनजर ही इससे संबंधित पाठ्यक्रम विभिन्न
संस्थानों में उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से कॅरियर की दिशा निर्धारित की जा
सकती है। इस क्षेत्र में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, स्नातक और स्नातकोत्तर
स्तर के कोर्स हैं, जिनमें दाखिला लिया जा सकता है। ग्लास प्रौद्योगिकी और
उत्पाद डिजाइन जैसे क्षेत्रों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम भी शमिल हैं। कांच
से जुड़े पाठ्यक्रमों में आप कांच के गुणों को समझते हुए उसका
विश्लेषणात्मक अध्ययन करते हैं। इसके तहत ग्लास की ढलाई और उत्पादन से
संबंधित समस्त बारीकियों से आप अवगत होते हैं। इसके अलावा ग्लास पर नक्काशी
और विभिन्न उत्पादों के लिए इसके इस्तेमाल से संबंधित जानकारी भी आपको
मिलती है।
योग्यता क्या हो (Eligibility for Glass Productions)
ग्लास
से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए Academic योग्यता इस बात पर निर्भर
करती है कि आप ग्लास इंडस्ट्री में किस रूप में जुड़ना चाहते हैं। ग्लास
इंजीनियरिंग के लिए जहां विज्ञान (PCM) विषय से 12वीं पास होना चाहिए,
वहीं ग्लास पेंटिंग या डेकोरेशन से संबंधित कोर्स में सभी आवेदन कर सकते
हैं। आईआईटी (IIT) जैसे संस्थानों में पढ़ाई करनी हो तो जेईई (Mains & Advance) clear करना होगा। अन्य संस्थानों के भी अपनी-अपनी प्रवेश प्रक्रियाएं होती
हैं।
व्यक्तिगत गुण (Personality Quality for Glass Industry)
सेरामिक
और ग्लास से संबंधित उत्पादों पर नजर डालें तो उनमें क्रिएटिविटी और
डिजाइनिंग का खास महत्व होता है। ऐसे में इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के
लिए क्रिएटिव माइंड का होना भी जरूरी है। इस क्षेत्र में टीम के साथ मिलकर
काम करना आवश्यक है। प्रोडक्शन के कार्य से जुड़ने के लिए गर्म माहौल में
भी धैर्यपूर्वक काम करने की क्षमता होनी चाहिए।
मौके अनेक (Glass Production Job Opportunities)
छोटे
स्तर से लेकर बड़े स्तर तक, इस क्षेत्र में जॉब कई रूपों में उपलब्ध है।
जॉब भी है और स्वरोजगार के तमाम अवसर भी उपलब्ध हैं। कोर्स करने के बाद आप
अपनी शुरुआत एक प्रशिक्षु (ट्रेनी) के तौर पर कर सकते हैं। इसके तहत आप
शीशे की फैक्टरी या कार्यशाला में काम कर सकते हैं। शीशा का कारोबार व्यापक
है। इसलिए ग्लास सेक्टर में तकनीक से लेकर प्रबंधन तक कॅरियर की तमाम
संभावनाएं उपलब्ध हैं। टेंटेड ग्लास, आर्टिफिशियन ज्वेलरी आदि बनाने वाली
कंपनियों में भी आप अवसर पाते हैं।
0 comments:
Post a Comment