महासागर (SEA) तथा इससे related जीव-जंतुओं और वनस्पतिओं में आपकी interested हो, तो आप sonography से संबंधित कोर्स में दाखिला ले सकते हैं
समुद्र की बनावट के साथ-साथ उसमें व्याप्त life के बारे में जानना न सिर्फ amazing, बल्कि बेहद उपयोगी भी होता है। ओशनोग्राफी यानी समुद्र विज्ञान के तहत इसी के बारे में विस्तार से अध्ययन किया जाता है। इससे संबंधित अध्ययन क्षेत्र में महासागरीय जीव-जंतुओं के अलावा वनस्पतियों को भी शामिल किया जाता है।
कोर्स : बीटेक इन नेवल आर्किटेक्चर एंड ओशन इंजीनियरिंग, एमटेक इन ओशन इंजीनियरिंग
समुद्र की बनावट के साथ-साथ उसमें व्याप्त life के बारे में जानना न सिर्फ amazing, बल्कि बेहद उपयोगी भी होता है। ओशनोग्राफी यानी समुद्र विज्ञान के तहत इसी के बारे में विस्तार से अध्ययन किया जाता है। इससे संबंधित अध्ययन क्षेत्र में महासागरीय जीव-जंतुओं के अलावा वनस्पतियों को भी शामिल किया जाता है।
विषय का स्वरूप (Subject and Course Structure)
ओशनोग्राफी के तहत कई विषयों का विस्तृत अध्ययन किया जाता है। फिजिकल ओशनोग्राफी के तहत समुद्र और मौसम के संबंधों को जानने की कोशिश की जाती है। केमिकल ओशनोग्राफी का जानकार समंदर में व्याप्त खनिज पदार्थों का पता लगाता है, जबकि मेरिन आर्कियोलॉजिस्ट समुद्र की गहराइयों में छिपी पुरातात्विक वस्तुओं से संबंधित अध्ययन करता है। जियोलॉजिक ओशनोग्राफी का संबंध जहां समुद्र की गहराइयों में स्थित चट्टानों और समुद्री आकृतियों के विश्लेषण से है, वहीं मेरिन बायोलॉजी में समुद्री जीवों के जीवन-चक्र पर नजर रखी जाती है। समुद्री संसाधनों के इस्तेमाल के लिए क्या नीतियां हों, इससे संबंधित काम मेरिन पॉलिसी एक्सपर्ट का होता है।पाठ्यक्रम और शैक्षणिक योग्यता (Study Material and Qualification)
एमएससी (MSC) in osnographyओशनोग्राफी, MSC in Marine Geology, MSC in Marine Sciences, BTech in Naval Architecture & Ocean Engineering, एमटेक इन ओशन साइंस, MSc. in Physical ओशनोग्राफी आदि ओशनोग्राफी से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रम हैं। देश के कई संस्थानों में इस विषय से संबंधित पढ़ाई होती है। एमफिल और पीएचडी से संबंधित कोर्स भी विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध हैं। शोधकार्यों के लिए आईआईटी चेन्नई बेहतर संस्थान है। जहां तक शैक्षणिक योग्यता का सवाल है, तो साइंस विषय से 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी ग्रेजुएशन स्तर पर एडमिशन लेने की योग्यता रखते हैं। पीजी कोर्स के लिए ओशनोग्राफी या संबंधित साइंस विषयों में ग्रेजुएशन को दाखिले के लिए योग्यता माना जाता है।मौके कहां-कहां (Jobs Opportunities for in Marine Science)
कोर्स करने के बाद ओशनोग्राफर की नियुक्ति विभिन्न सरकारी और निजी कंपनियों में सामान्यत: साइंटिस्ट, इंजीनियर, एडमिनिस्ट्रेटर आदि रूपों में हो सकती है। सरकारी क्षेत्र में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, डिपार्टमेंट ऑफ ओशनोग्राफी, मेट्रोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया आदि में ऐसे प्रोफेशनल अवसर पाते हैं। देश-विदेश की तेल कंपनियों में भी संबंधित रिक्तियां निकलती रहती हैं। रिसर्च और टीचिंग में आपकी दिलचस्पी हो, तो उच्च शिक्षा के बाद आप इस ओर भी कदम बढ़ा सकते हैं।कोर्स : बीटेक इन नेवल आर्किटेक्चर एंड ओशन इंजीनियरिंग, एमटेक इन ओशन इंजीनियरिंग
- www.oec.iitm.ac.in
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी, गोवा
- कोर्स : पीएचडी प्रोग्राम
- www.nio.org
- बरहमपुर यूनिवर्सिटी, बरहमपुर
- कोर्स : एमएससी इन ओशनोग्राफी, एमएससी इन मेरिन बायोलॉजी
- www.buodisha.edu.in
- आंध्रा यूनिवर्सिटी, विशाखापट्टनम
- कोर्स : एमटेक इन ओशन साइंस, एमएससी इन फिजिकल ओशनोग्राफी
- www.andhrauniversity.info
- अन्नामलाई यूनिवर्सिटी, अन्नामलाई नगर, तमिलनाडु
- कोर्स : एमएससी इन ओशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी
- www.annamalaiuniversity.ac.in
- कोच्चि यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, कोच्चि
- कोर्स : एमएससी इन ओशनोग्राफी, एमटेक इन ओशन टेक्नोलॉजी
- www.cusat.ac.in
- इंटरनेशनल मेरीटाइम एकेडमी, चेन्नई
- कोर्स : बीटेक इन मेरीन इंजीनियरिंग
- www.ima-maritime.com
- मैंगलोर यूनिवर्सिटी, मैंगलोर
- कोर्स : एमएससी इन मेरिन जियोलॉजी
- www.mangaloreuniversity.ac.in
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