शादी को महज एक रीति या गुड्डे-गुड़ियों का खेल न
समझें, यह आपकी जिंदगी का एक अहम फैसला है। लव मैरिज हो या अरेंज, दोनों
ही मामलों में जीवनसाथी का चुनाव काफी सोच-समझकर करना होता है, ताकि आप एक
सुखी-वैवाहिक जीवन जी सकें। अब आप सोच रही होंगी कि लव मैरिज में तो पहले
से ही लड़का-लड़की एक-दूसरे को जानते हैं, फिर इसमें छानबीन करने की क्या
जरूरत है? सही जीवनसाथी पाने के लिए इसी सोच को बदलने की जरूरत है।
किसी को जीवनसाथी चुनने के लिए केवल
यही जरूरी नहीं होता कि आप उसे प्यार करती हैं या वह आपसे प्यार करता है,
इसीलिए वह आपके लिए एकदम ठीक है। शादी का फैसला लेने से पहले यह जानना
जरूरी है कि क्या आपका और उनका साथ पूरी तरह से ठीक बैठता है? आप उसमें
क्या चाहती हैं? एक-दूसरे की रुचि में कितनी सामनताएं हैं? इन सारी बातों
को ध्यान में रखकर ही शादी का निर्णय करें। कई बार जब लड़के-लड़की प्यार
में होते हैं, तो एक-दूसरे में उन्हें कोई बुराई नजर ही नहीं आती। मगर शादी
के बाद प्यार की खुमारी उतरते ही शुरू होती है गृहस्थी की असलियत। अतः
शादी का फैसला हमेशा सोच-समझकर ही लें।
सबसे पहले लिस्ट
आप
अपने जीवनसाथी में कौन-सा गुण देखना चाहती हैं, अगर आपको यह पता हो, तो
फिर आपको यह फैसला लेने में मदद मिलेगी कि उक्त शख्स आपके लिए सही है या
नहीं। आप अपने हमसफर में क्या-क्या देखना चाहती हैं, इसकी एक लिस्ट तैयार
करें। इसके बाद जो गुण आपके लिए अधिक मायने रखते हों, उन्हें इस सूची से
सबसे पहले रखें।
जो गुण आपके लिए बहुत अधिक
मायने नहीं रखते या उनसे समझौता किया जा सकता है, उन्हें अपनी प्राथमिकता
से हटा दें। इस तरह आप कुछ खास अहम गुणों को चिन्हित करें, जिनको लेकर किसी
प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता।
पसंद-नापसंद को जानें
वैसे
तो हर किसी की पसंद-नापसंद अलग होती है, फिर भी जीवनसाथी चुनते समय इस बात
का ध्यान भी रखें कि आप दोनों में कुछ समानताएं हों, अन्यथा रिश्ते में
समय के साथ बोरियत महसूस होने लगती है। यह भी देख्ाें कि क्या आप दोनों ही
जिंदगी में एक ही तरह की चीजें चाहते हैं? क्या वह आपको अपनी इच्छा का
करियर अपनाने की स्वतंत्रता देने की इच्छा रखता है?
अपेक्षाएं ज्यादा नहीं
नया
रिश्ता बनाने में अपने साथी से अधिक अपेक्षा करना भी कभी-कभी कठिनाई पैदा
कर देता है। वही अपेक्षा रखें, जो आसानी से पूरी हो सकें और दूसरे को बोझ
भी न लगे। आप दोनों की नजर में एक-दूसरे के लिए सम्मान का भाव होना भी
जरूरी है। वह आपकी इज्जत करें और आप उनकी, तभी सफल हो सकता है आपका
दांपत्य जीवन।
परिवार की अनदेखी नहीं
शादी
में धर्म के साथ-साथ संस्कृति, परंपराएं व अन्य बातें भी बेहद मायने रखती
हैं। इसलिए अपने जीवनसाथी का चुनाव करते समय एक-दूसरे के फैमिली बैकग्राउंड
आैर स्टैंडर्ड का पता होना भी जरूरी है, ताकि शादी के बाद एक-दूसरे के साथ
एडजस्ट होने में कोई समस्या न आएं।
घबराने की क्या बात
यदि
आप लंबे समय से सिंगल हैं। अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और कोई नया
रिश्ता बनाने से डरती हैं, तो इस स्थिति में सबसे पहले अपने मन से डर को
निकालें। याद रखिए, डर को दूर करके ही आप अपने लिए सही जीवनसाथी का चुनाव
कर पाएंगी।
अगर आपका ब्रेकअप हो गया है,
लेकिन अभी तक आप उससे उबर नहीं पाई हैं, तो इसका असर नए रिश्ते पर भी पड़ता
है। कई बार देखा जाता है कि अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए लोग नये
रिश्ते बनाते हैं, जो कुछ दिनों के बाद अपना अर्थ खो देते हैं। इसलिए नए
रिश्ते की ओर तभी कदम बढ़ाएं, जब आप अपने पहले रिश्ते की नकारात्मक
संवेदनाओं से मुक्ति पा लें। इसके लिए अपने दोस्तों या काउंसलर की भी मदद
ले सकती हैं।
आपका जीवनसाथी अच्छा होने के
साथ-साथ समझदार व केयरिंग हो, ये तो जरूरी है ही। इसके अलावा भी कुछ बातें
हैं, जो एक आदर्श जीवनसाथी में होनी जरूरी हैं, ताकि आपकी जिंदगी का सफर
आसान हो जाए।