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महिलाएं (women) हमेशा से ही अच्छी होम मैनेजर (Home Manger) रही हैं। शॉपिंग (Shopping) करते समय मोलभाव (Bargaining) ही नहीं करती, बल्कि किचन में कैसे बचत (Saving) करनी है, यह भी जानती हैं। कई बार छोटी-छोटी बचत करके वह किसी की मदद भी करती हैं, लेकिन जब पर्सनल फाइनेंस (Personal Finance) की बात आती है, तो पीछे रह जाती हैं। यह मामला सिर्फ घरेलू महिलाओं के साथ ही नहीं है, बल्कि कामकाजी महिलाएं भी वित्तीय लक्ष्य (Target) बनाने में कतराती हैं। वह निवेश संबंधी कोई भी जोखिम उठाना नहीं चाहती,  इसलिए वह चुपचाप छोटी-छोटी रकम से सीक्रेट सेविंग करती रहती हैं। कभी कमिटी में, तो कभी सोने के गहने खरीद कर। लेकिन निवेश का यह सुरक्षित तरीका नहीं कहा जा सकता। अगर आप आने वाले कल को आर्थिक (Economically) रूप से मजबूत बनाना चाहती हैं, तो निवेश के कुछ सुरक्षित विकल्पों के बारे में भी सोचें। बड़े होते बच्चों की शिक्षा, रोजगार, शादी सहित जीवन की और नई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए एक ठोस वित्तीय लक्ष्य बनाएं। जितनी कमाई हो रही हो, उनमें से कुछ हिस्सा कल के लिए भी बचाएं। याद रखें, इस निवेश्‍ा में ही कल का भविष्य भी है।
तिनका-तिनका जोड़कर आने वाले कल के लिए जैसे परिंदे अपना घर बनाते हैं, वैसे ही छोटी-छोटी बचत से आप अपने आने वाले कल के लिए नींव डाल सकती हैं।
महीने के खर्च से कैसे छोटी-छोटी बचत करनी है, यह महिलाएं बखूबी जानती हैं। लेकिन बचाए पैसे को कहां लगाना है, इस पर कैसे अच्छा रिटर्न पाना है, इसकी जानकारी उनको कम ही होती है। ऐसे में जब कभी उनको फाइनेंशियल मदद की जरूरत होती है, तो पुरुष सदस्यों पर ही निर्भर होना पड़ता है। घरेलू ही नहीं, कामकाजी महिलाओं का भी लगभग यही हाल है। अगर आप पढ़ी-लिखी हैं और कमाई भी कर रही हैं, तो फाइनेंशियल प्लानिंग उतनी ही कुशलता से कर सकती हैं जितना कि पुरुष। जरूरत है तो बस, निवेश संबंधी कुछ मूलभूत बातों को समझने की।

क्यों जरूरी है निवेश (Why Investment needs?)

बचत के पैसे को सही जगह निवेश करने के पीछे हमारा मकसद होता है कि उससे ज्यादा-से-ज्यादा रिटर्न मिले। यह बचत भविष्य में किसी भी बड़ी जरूरत को पूरा कर सकती हैं, इसलिए बचत या निवेश का स्पष्ट लक्ष्य बनाएं। आप कितना पैसा किस उद्देश्य के लिए निवेश करना चाहती हैं, अगर यह स्पष्ट हो जाए, तो फाइनेंशियल प्लानिंग में बहुत आसानी हो जाती है। मसलन, बच्चों की शिक्षा, उनकी शादी, मकान खरीदना, रिटायरमेंट के बाद घर खर्च की व्यवस्था आदि। विभिन्न जरूरतों के हिसाब से आज बाजार में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं।
कहां कितना हो निवेश 
अगर महिलाएं लॉन्ग टर्म निवेश करना चाहती हैं, तो उन्हें सबसे आसान, छोटा तरीका अपनाना चाहिए, जिसमें किसी भी तरह का असंमजस न हों। अगर आप बिना जोखिम या कम-से-कम जोखिम वाली जगह निवेश करना चाहती हैं, तो पोस्ट ऑफिस का विकल्प भी आपके लिए बेहतर है जैसे-
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेटः इस योजना के तहत जमा राशि पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है, जो इनकम टैक्स से भी मुक्त होता है। यहां भी आप पांच या दस साल के लिए आप निवेश कर सकती हैं। इस पर 8.8 फीसदी का ब्याज मिलता है।
मंथली इनकम स्कीम Monthly Income Scheme इसमें भी आप अपना अकाउंट खोल सकती हैं। यहां भी अकाउंट होल्डर को करीब 8.40 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। हालांकि, यह दर स्थिर नहीं है और हर साल बदलती रहती है।
टाइम डिपॉजिट स्कीमः Time Deposit Plan यह अमूमन पांच साल के लिए होती है, जिसे आप 200 रुपये से भी शुरू कर सकती हैं। जमा राशि पर पहले चार सालों तक ब्याज दर 8.4 प्रतिशत रहती है, जबकि पांचवें साल में उक्त राशि पर 8.5 प्रतिशत का ब्याज मिलता है। इस योजना के तहत भी मिलने वाला ब्याज आय कर मुक्त होता है।
सेविंग अकाउंटः Saving Account आप पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट भी खुलवा सकती हैं। यहां आप 20 रुपये की न्यूनतम राशि से भी अपना अकाउंट खोलवा सकती हैं।
इसके अलावा आप जनश्री बीमा योजना में भी निवेश कर सकती हैं। यह महिला एसएचजी (स्वयं सेवी समूह) सदस्यों के लिए एक विशेष योजना है, जो एसएचजी सदस्यों को बीमा सुरक्षा प्रदान करने में मदद करती है और उनके बच्चों की शिक्षा में सहायता करती है। यह योजना विशेष रूप से महिलाओं के लिए है। इसमें निवेश के लिए एसएचजी का सदस्य होना चाहिए। सदस्य को एक वर्ष की अवधि के लिए 30,000/- रुपये की जीवन बीमा सुरक्षा मिलती है। कुल बीमा शुल्क 200/- रुपये प्रति सदस्य प्रति वर्ष है, जिसमें 100/-रुपये एसएचजी सदस्य द्वारा वहन किए जाते हैं और शेष 100/- रुपये जीवन बीमा निगम द्वारा।
सही पॉलिसी लेकर आप भी अपनी जिंदगी को थोड़ा आसान बना सकती हैं। लेकिन एक सवाल यहां यह भी है कि अपनी गाढ़ी कमाई को निवेश कहां करें, जहां जोखिम भी कम हो और अच्छा रिटर्न भी मिले। तो आपके इस सवाल का जवाब है- सावधि जमा (एफडी), पोस्ट ऑफिस की बचत योजना, बीमा पॉलिसी, म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी, सोना आदि। यहां आप अपना पैसा निवेश कर सकती हैं। अगर आप कुछ ज्यादा नहीं जानतीं, तो सबसे पहले शुरुआत बचत खाते से करें। फिर फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद से लंबी अवधि के लिए कोई वित्तीय लक्ष्य बनाएं और उसके हिसाब से सही जगह निवेश करें।

गोल्ड ईटीएफ में है फायदा 

फाइनेंस एडवाइजर आकांक्षा सतपाल कहती हैं कि महिलाओं को सोने से खास लगाव होता है, इसलिए वे सोने का गहना खरीदती रहती हैं, लेकिन सोने के गहने या सिक्के रखने में जोखिम भी होते हैं। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना सही रहेगा। सुरक्षा के लिहाज से यह काफी फायदेमंद भी है, क्योंकि इसमें आपके पास सोना नहीं होता, बल्कि म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह एक कागज होता है, जिसे जब चाहें आप इनकैश करा सकती हैं। म्यूचुअल फंड की तरह ही गोल्ड ईटीएफ के यूनिट्स डीमैट अकाउंट के जरिए खरीदे या बेचे जा सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में 99.9 फीसदी शुद्धता का सोना होता है, जिससे निवेशकों को क्वालिटी की चिंता नहीं करनी पड़ती है। इसके अलावा गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से सोने की चोरी का जोखिम भी नहीं रहता है।’
तनिष्क ने ग्रामीण भारत के लिए स्वर्ण निधि नाम से दो साल की एक स्कीम की शुरुआत की है। इस स्कीम के तहत ग्राहक को महीने में कम-से-कम एक बार न्यूनतम 1000 रुपये ज्वेलर के पास जमा करने होते हैं। स्कीम के परिपक्व होने पर ग्राहक को उसके खाते की जमा मात्रा के अनुसार सोना दे दिया जाता है।
तनिष्क की ही गोल्ड हार्वेस्टिंग नामक योजना के तहत ग्राहक को 11 महीने तक किस्त के जरिए निवेश करना होता है और 12वें महीने की किस्त कंपनी अदा करती है। इसमें निवेश करने पर तनिष्क अपनी ओर से कुछ बोनस भी देता है। कुछ ज्वेलर्स विशेष तरह के डिपोजिट स्कीम चला रहे हैं। इसके तहत एक निश्चित अवधि तक ज्वेलर्स को किस्त अदा करनी होती है। फिर अवधि पूरा होने पर कुछ बोनस के साथ आपको कंपनी गहना देती है। हालांकि इसकी भी कुछ शर्तें हैं, जिन्हें जानना जरूरी है।

जीवन बीमा पालिसी खरीदें

भारतीय जीवन बीमा निगम (छत्‍तीसगढ़) के मैनेजर सुनील दत्त मिश्रा कहते हैं, ‘जीवन बीमा यानी इंश्योरेंस, आज हर किसी के लिए जरूरी हो चुका है, क्योंकि यह जीवन के कई जोखिमों से हमारी रक्षा करता है। इस निवेश से आपकी आय पर अच्छा रिटर्न तो मिलता ही है, साथ ही आपका और आपके परिवार का भविष्य दोनों ही सुरक्षित हो जाता है। लेकिन कोई भी पॉलिसी लेते समय यह जरूर ध्यान रखें कि उसमें लाइफ के रिस्क कवर के साथ-साथ अच्छा रिटर्न भी हो।
महिलाओं के लिए एसआईपी के जरिए भी शेयर बाजार में निवेश एक अच्छा विकल्प है। यह निवेश का एक ऐसा विकल्प है। जो एक समय अवधि में प्रति माह 1000 रुपये की राशि निवेश करके धन बढ़ाने में मदद करता है। कई ब्रोकरेज हाउस इसकी सुविधाएं दे रहे हैं। निवेशक का पैसा किस स्टॉक में लगाया जाएगा, इस बात का फैसला इसमें खुद निवेशक ही करता है। इसके लिए किसी ब्रोकरेज हाउस में इन्वेस्टर का एक डीमैट अकाउंट होना जरूरी है। इसमें एक तय तारीख को तय रकम से चुने गए स्टॉक्स खरीदे जाते हैं। ’
अगर बेटी की पढ़ाई के
लिए कुछ निवेश करना चाहती हैं, तो सुकन्या योजना के तहत आप एक हजार रुपये से लेकर 1 लाख 50 हजार रुपये तक जमा करा सकती हैं। खाता खोलने के बाद 14 साल तक आप पैसा जमा कर सकती हैं। लड़की की उम्र 21 साल होने पर मैच्योरिटी के पूरे पैसे निकाल सकती हैं। हालांकि, जरूरत पड़ने पर बेटी के 18 साल होने पर भी आधे पैसे निकाल सकती हैं।
शेयर में निवेश भी फायदेमंद है, लेकिन तब जब पैसा लंबी अवधि के लिए लगाया जाए। अगर आपके पास कम-से-कम 5 साल का वक्त है, तो आप शेयर में निवेश कर सकती हैं, जैसे- एचडीएफसी बैलेंस्ड ग्रोथ फंड, रिलायंस इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज, आईडीएफसी स्टरलिंग इक्विटी में निवेश करने के साथ पीपीएफ अकाउंट भी खोल सकती हैं। 
अचल संपत्ति में निवेश
रियल स्टेट कंपनी आरजी रेजिडेंसी के एमडी राजेश गोयल कहते हैं कि आजकल कुछ महिलाएं प्रॉपर्टी में निवेश करने लगी हैं। महिलाओं के नाम से संपत्ति लेने का एक फायदा यह भी है कि रजिस्ट्री के दौरान स्टाम्प ड्यूटी में 2 फीसदी की छूट मिलती है। अगर प्रॉपर्टी में वह संयुक्त मालिक भी है, तो भी रजिस्ट्री में एक फीसदी की छूट का लाभ तो लिया ही जा सकता है। महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदकर टैक्स प्लानिंग तो की ही जा सकती है।
सोच-समझकर सही फैसला
अपनी जरूरत और क्षमता को देखकर ही सही प्लान चुनें, ताकि आपका बजट न गड़बड़ाए।
जहां भी निवेश करें, उस संस्था के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें। निवेश योजना संबंधी दस्तावेज पूरा पढ़ें, उसके बाद ही आगे की कार्रवाई करें।
किसी एजेंट/ब्रोकर के माध्यम से निवेश कर रही हैं, तो उसके बारे में भी पूरी जानकारी रखें। निवेश संबंधी कागजात के साथ अपने मूल दस्तावेज जैसे बैंक पासबुक, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि हरगिज न दें। फोटोकॉपी दें और उस पर हस्ताक्षर कर यह भी लिखें कि यह आपने फलां काम के लिए दी है।
नगद लेन-देन के बजाय चेक से लेन-देन करें, यह ज्यादा सुरक्षित होता है।
 
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