आइये आज जानते हैं NSG (National Security Guard) के बारे में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एन. एस. जी.) ग्रह मंत्रालय के तहत विशेष बलों की इकाई है, जिसका गठन वर्ष-1984 में किया गया। यह अतिरिक गड़बड़ी के खिलाफ राज्यों की रक्षा के साथ-साथ आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध होकर कार्य करती है तथा देश के अतिविशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा व्यवस्था को भी संभालती है। एन. एस. जी. कमांडोज के काले रंग की वर्दी और उस पर काली बिल्ली के प्रतीक चिन्ह की बजह से यह ब्लैक कैट कमांडोज के रूप में लोकप्रिय हैं। अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है जब सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक को सफलतापूर्वक अंजाम देकर ब्लैक कैट कमांडोज अपने हौसलें और जवाजी से युवाओं को न सिर्फ प्रेरित किया बल्कि उनके इस कर्तव्य ने ब्लैक कैट कमांडोज फोस की तरफ नौजवानों को आकर्षित करने का काम भी किया।
दर्जनों आतंकी कैंपों को नष्ट कर आतंकवादियों के मनसूत्रों पर पानी फेरने का हौंसला रखने वाले एन एस जी व पैरा कमांडो भारतीय सेना के पैराशूट रेजीमेंट की एक स्पेशल फोस होती है। यह सेना के एक बेहद ट्रेड और अत्याधुनिक हथियारों से लैस वे जवान होते हैं जो जमीन, आसमान या पानी में कहीं भी लड़ने में माहिर होते है। इनकी सर्तकता व शारीरिक चपलता ऐसी होती हैं कि पास वाले व्यक्ति को भी इनकी गतिविधियों की जरा भी भनक नहीं पड़ती। बंधकों को मुक्त कराना, स्पेशल ऑपरेशन, आतंकवादी निरोधी ऑपरेशन, विशेष टोही मुहिम जैसे सबसे मुश्किल काम एन एस जी कमांडोज के जिम्मे होते हैं। भारतीय वायुसेना में गरूड़ कमांडोज तथा भारतीय नौ सेना में मारकोस कमांडोज इसी तरह की जिम्मेदारियां संभालते हैं।
एन एस जी अधिकारिक स्ट्रक्चर क्या होता है आइये जानते हैं उपरी स्तर से निचले ग्रेड तक
दर्जनों आतंकी कैंपों को नष्ट कर आतंकवादियों के मनसूत्रों पर पानी फेरने का हौंसला रखने वाले एन एस जी व पैरा कमांडो भारतीय सेना के पैराशूट रेजीमेंट की एक स्पेशल फोस होती है। यह सेना के एक बेहद ट्रेड और अत्याधुनिक हथियारों से लैस वे जवान होते हैं जो जमीन, आसमान या पानी में कहीं भी लड़ने में माहिर होते है। इनकी सर्तकता व शारीरिक चपलता ऐसी होती हैं कि पास वाले व्यक्ति को भी इनकी गतिविधियों की जरा भी भनक नहीं पड़ती। बंधकों को मुक्त कराना, स्पेशल ऑपरेशन, आतंकवादी निरोधी ऑपरेशन, विशेष टोही मुहिम जैसे सबसे मुश्किल काम एन एस जी कमांडोज के जिम्मे होते हैं। भारतीय वायुसेना में गरूड़ कमांडोज तथा भारतीय नौ सेना में मारकोस कमांडोज इसी तरह की जिम्मेदारियां संभालते हैं।
Black cat commando recruitment
एन एस जी में संचालन व प्रशिक्षण प्रति नियुक्ति पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के अधीन होता है। भारतीय सेना में मैजर जनरल महानिरीक्षक (अभियान) के रूप में पदस्थ अधिकारी योजना व संचालन की जिम्मेदारी संभालता है। प्रशिक्षण की जिम्मेदारी (प्रशिक्षण) निभाते हैं और गुरूग्राम के पास स्थित मानेसर में इसका मुख्यालय है। डी आई जी (संचालन) तथा आई0डी0जी0 प्रशिक्षण के रूप में दो ब्रिगेडियरिओ द्वारा अपनी सेवाएँ प्रदान की जाती हैं 8000 एन एस जी कमाण्डों के साथ साथ संचालन, प्रशिक्षण एवं संचार व्यवस्थाओं से जुडे अन्य कर्मी एन एस जी की ताकत हैं। इन्दिरा गांधी एयरपोर्ट नई दिल्ली पर एन एस जी कमाण्डोज के लिए परिवहन की व्यवस्था है।इसका चयन (Selection) कैसे किया जाता है black cat commando Qualification
एन एस जी कमांडोज का चयन सीधी भर्ती प्रक्रिया से नहीं होता है। इण्डियन आर्मी और पैरामिल्ट्री फोर्स से 3 से 5 साल के लिए प्रति नियुक्ति पर कैडेट्स का चयन किया जाता है। प्रतिनियुक्ति पर लिए जाने वाले जवानों में 53 फीसदी भारतीय सेना व 47 फीसदी पैरामिल्ट्री फोर्स के जवानों की संख्या होती है। एन एस जी देश की सबसे जबांज, कुशल व खतरनाक स्पेशल फोस है इसीलिए इसमें आम्ड फोसज के उन जवानों को लिया जाता है जो शारीरिक, मानसिक व मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत मजबूत हों तथा किसी भी प्रतिकूल परिस्थित से निपटने में पूरी तरह सक्षम हों।एन एस जी अधिकारिक स्ट्रक्चर क्या होता है आइये जानते हैं उपरी स्तर से निचले ग्रेड तक
- महानिदेशक - लेफ्टिनेंट जनरनल
- अतिरिक्त महानिदेशक - लेफ्टिनेंट जनरनल
- महानिरीक्षक - मेजर जनरल
- उपमहानिरीक्षक - ब्रिगाडियर
- ग्रुप कमांडर - कर्नल
- स्क्वाड्रन कमांडर - लेफ्टिनेंट कर्नल
- टीम कमांडर - मेजर
- सहायक कमांडर ग्रेड 1 – सूबेदार मेजर
- सहायक कमांडर ग्रेड 2 - सूबेदार
- सहायक कमांडर ग्रेड 3 - नायब सूबेदार
- रेंजर ग्रेड 1 - रेंजेर ग्रेड 2
- 29-30 अप्रैल, 1986- ऑपरेशन बनैक थंडर
- 04 अगस्त, 1989- ऑपरेशन माउस ट्रैप
- 26 जनवरी, 1991- ऑपरेशन एनी वैन
- 25 नवंबर से 16 दिसंबर, 1992 -राम जून्म भूमि बाबरी मस्जिद में तैनात
- 25 अप्रैल, 1993- ऑपरेशन अश्वमेध
NSG Commandos दस्ते में चयन होने के बाद मानेसर स्थित प्रशिक्षण केद्र में 3 से 5 महीने तक एक अलग किस्म की ट्रेनिंग इन जवानों को दी जाती है। यह एक कड़ी व कठिन ट्रेनिंग होती है जिसके अन्तर्गत जवानों के शरीर पर भार रखकर दौड़ने, योगा करने, जिम करने तथा ऊंचाई से कूदने के साथ ही साथ मुश्किल से मुश्किल लक्ष्यों तथा अत्यधिक जोखिम भरी परिस्थितियों पर नियंत्रण पाने में कुशल बनाया जाता है। ब्लैक कैट कमांडो जब तक कमांडों के रूप में अपनी सेवाएं देते हैं उनकी ट्रेनिंग कभी बंद नहीं होती। कुल ट्रेनिंग के बाद भी साल के बीच-बीच में इनकी ट्रेनिंग होती रहती है जो इन्हें और भी दक्ष, नई तकनीक से जोड़े रखने में मदद करती है ताकि विपरीत परिस्थितियों पर विजय पाने में ब्लैक कैट कमांडोज सक्षम बने रहे। 3 से 5 वर्ष तक का कार्यकाल पूरा होने के बाद ब्लैक कैट कमांडोज को वापस अपनी पेरेंटल कोर में भेज दिया जाता है। कमांडी बनने के लाभ एन एस जी कमाण्डोज को खाने पीने की सुविधाएँ तो एक आम सैनिक की तरह ही मिलती है परंतु कमांडो फोर्स में चुने जाने के कारण उन्हें जल्दी प्रमोशन मिलता है। ब्लैक कैट कमाण्डो की सेलरी ग्रोथ सामान्य जवानों की तुलना में थोड़ी ज्यादा होती है। दुर्गम स्थानों पर ऑपरेशन के वक्त जाने के कारण इन्हें एक्स्ट्रा बेनीफिट मिलते हैं और इन लाभों के कारण ही ये ब्लैक कैट कमांडोज सेना के आम जवानों से अलग हो जाते हैं। युद्ध के अलावा भी देश के भीतर एन एस जी कमांडोज की जरूरत होती है मशलन तूफान व बाढ़ आने की स्थिति में, ग्लैशियर खिसकने की स्थिति में, कोई माहमारी फैलने से उत्पन्न विषम परिस्थित को काबू करने में एन डी आर एफ व सेना के जवानों के साथ साथ एन एस जी कमाण्डोज की भी सेवायें ली जाती हैं।
very nice
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