क्या आप जेएनयू के द्वारा कराए जा रहे नवीनतम ड्यूल डिग्री कोर्स पर प्रकाश डालकर इस कोर्स को समझाने की कृपा करेंगी?यह एक 5 वर्षीय डिग्री कोर्स है जो जवाहर लाल नेहरु यूनीवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग के द्वारा चलाया जाने वाला अपने आपमें अनोखा कोर्स है। वर्ष 2018-19 के लिए इसके अंतर्गत दो प्रकार के कोर्स निर्धारित हैं: । बीटेक इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग एंड एमएस/ | एमटेक इन सोशल साइंस / ह्युमेनिटीज / साइंस / टेक्नोलॉजी
- करुणेश गोविल
बीटेक इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग एंड एमएस / एम टेक इन सोशल साइंस / ह्युमेनिटीज / सांइस / टेक्नोलॉजी चयनः जेईई मेंस 2018 के द्वारा निर्मित मैरिट के आधार पर होगा। काउंसलिंग जेओएसएए/ सीएसएबी के आधार पर भी की जाएगी। इस अनोखे कोर्स की विद्यार्थियों के टेक्निकल स्किल को सतत रूप से बदलते और विकसित होते समाज के आधार पर प्रदान किया जाता है। ड्यूल डिग्री कोर्स के पहले भाग में विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से आधारभूत विज्ञान, ह्युमेनिटी, सोशल साइंस और इंजीनियरिंग साइंस का अध्ययन कराया जाता है वहीं दूसरी तरफ विभागीय आवश्यकता को देखते हुए विशुद्ध इंजीनियरिंग का भी अध्ययन कराया जाता है।
आप अपनी रुचि और आधारभूत ज्ञान के आधार पर इस कोर्स में अपनी पसंदीदा स्ट्रीम चुन सकते हैं। जो आपके सीनियर्स के द्वारा किए गए एमएस/ एमटेक के समकक्ष है। इस कोर्स को करने के दौरान आप चौथे और पांचवे वर्ष में आपको सामाजिक कार्यों जैसे ह्युमेनिटीज, इंटरनेशनल स्टडी, साइंस, लैंग्वेज और सामाजिक विज्ञान के अनेक क्षेत्रों में कार्य करने के लिए प्रोजेक्ट प्रदान किए जाते हैं संक्षेप में बताया जाए तो यह आपके सर्वांगीण विकास जैसे इकोनॉमिकली, फिजिकल, बॉयोलोजिकल और एन्वायरन्मेंटल परिपेक्ष में इंजीनियरिंग की समझ के प्रयोग को विकसित करने के गुण प्रदान करता है। इस प्रकार का अध्ययन आपमें बेहतर तरीके से प्रोबलम सोल्विंग के गुण विकसित करने में सहायक होते हैं। जिसके द्वारा आप न्यूनतम लागत और न्यूनतम मेहनत के द्वारा अधिकतम विकास को सुनिश्चित कर सकें।
मैंने बीटेक किया है और आईटी कंपनी में काम करता हूं। मैं यह जॉब छोड़ कर विज्ञापन के क्षेत्र में जाना चाहता हूं। क्या मेरा यह निर्णय सही है?नौकरी बदलने का जो निर्णय होता है। आपकी अपनी समझ पर निर्भर करता है। इंडस्ट्री छोड़ने को लेकर अपने अंतिम निर्णय से पहले आपका अगला रास्ता सुनिश्चित हो जाना चाहिए। कई बार क्या होता है कि, जो नौकरी आप छोड़कर जा रहे हैं कुछ कारणों की वजह से वहां आपके लिए दरवाजे हमेशा खुले हो सकते हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि हमेशा ऐसा हो। इसलिए आपको सारी चीजों को ध्यान में रखकर और सभी स्थितियों को नाप-तौल कर सावधानी पूर्वक अंतिम निर्णय तक पहुंचना होगा। इसके लिए आप किसी करियर काउंसलर से या जिस क्षेत्र में आपका रुझान हो। उनसे जुड़े व्यक्तियों से संपर्क कर सकते हैं।
-रमन मिश्रा
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