देश में कई ऐसे सेक्टर हैं जो लगातार विस्तार की प्रक्रिया में हैं। रोजगार देने के मामले में भी इनका कोई सानी नहीं है। ग्राफिक डिजाइनिंग का क्षेत्र भी उन्हीं में से एक है। आज हम जो भी लुभावने पोस्टर, आउटलेट, होर्डिंग व कार्टून आदि देखते हैं वे सभी ग्राफिक डिजाइनरों की मेहनत का परिणाम है। यह डिजाइनिंग के क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण शाखा है क्योंकि इसमें डिजाइन के बलबूते ही सफलता का पैमाना लिखा जाता है। इसमें दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाली वस्तुओं की संबंधित अधिकांश काम विदेश में कराए जाते थे। लेकिन तकनीक विकसित हो जाने से अब लगभग सभी काम यहीं पर हो रहे हैं। हर साल यह इंडस्ट्री तेजी से विस्तार कर रही है। आज स्थिति यह है कि डिजाइनिंग के करीब 20 प्रतिशत भाग पर ग्राफिक डिजाइनिंग का कब्जा है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि 2022 तक यह इंडस्ट्री सफलता के उच्च पायदान पर होगी। इस दौर तक आते-आते डिजाइनरों की मांग में दोगुने की वृद्धि हो जाएगी। कब कर सकेंगे कोर्स इसमें फाउंडेशन कोर्स से छह माह से लेकर तीन साल तक के डिग्री कोर्स बाजार में मौजूद हैं। योग्यता के रूप में छात्रों को बारहवीं की परीक्षा पास होना अनिवार्य है। तभी आगे चलकर संभावनाएं सामने आती हैं। स्नातक एवं परास्नातक के बाद कई डिप्लोमा एवं पीजी डिप्लोमा कोर्स कराए जाते हैं। इनकी अवधि एक वर्ष से लेकर 2 वर्ष तक होती है। जबकि 12वीं के बाद 12 माह से लेकर 36 माह तक के पाठ्यक्रम हैं। कई संस्थान तीनतीन माह के कोर्स भी संचालित कर रहे हैं।
पाठ्यक्रम से जुड़ी जानकारी
पाठ्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रमुख डिजाइनों के बारे में अवगत कराने से लेकर कम्प्यूटर द्वारा उनके अनुप्रयोग संबंधी जानकारी प्रदान की जाती है। इसके अंतर्गत कई तरह के सॉफ्टवेयरों की जानकारी दी जाती है। विज्ञापन एजेंसियों में एड का लेआउट बनाने, पोस्टर, बैनर डिजाइन करने, कार्टून तैयार करने, फिल्मों में प्रोडक्शन संबंधी मदद तथा वेबसाइट पर वेब पेज की डिजाइनिंग आदि सभी ज्ञान छात्रों को पाठ्यक्रम के दौरान दिया जाता है। इसमें थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल की भरपूर जानकारी दी जाती है। कोर्स समाप्त होने के बाद छात्रों को प्रमुख डिजाइनिंग स्टूडियो व एजेंसी में इंटर्नशिप के लिए भेजा जाता है।
कई जगह मिलेगा रोजगार (graphic design courses in india)
ग्राफिक डिजाइनिंग का कार्यक्षेत्र काफी फैला हुआ है। शर्त यही है कि प्रोफेशनल्स को डिजाइनिंग की अच्छी समझ होनी चाहिए। क्योंकि बिना अच्छी जानकारी के बेहतर डिजाइन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। आज सबसे अधिक संभावनाएं एड एजेंसी, प्रिंट इंडस्ट्री, वेब डिजाइनिंग इंडस्ट्री आदि में सामने आ रही है। इंटरनेट पर नित्य नए प्रयोग किए जा रहे हैं, हर चीज का प्रजेंटेशन आकर्षक होता जा रहा है। ग्राहकों को लुभाने के लिए यह अहम कड़ी साबित हो रहा है। इलेस्ट्रेशन, कैरीकेचर तथा कार्टून हर अखबार की पसंद में शामिल हैं। इसके अलावा कई पत्र-पत्रिकाओं से लेकर प्रोडक्शन हाउसों, एड एजेंसियों एवं फ्रीलांसिंग का
कार्य किया जा सकता है। ऐसे में कहना गलत न होगा कि इसका कार्यक्षेत्र असीम है।
ग्राफिक डिजाइनर का पाठ्यक्रम कर लेने के बाद सैलरी 20-25 हजार रुपये प्रतिमाह तक पहुंच जाती है। लोगों का मानना है कि भारत की अपेक्षा विदेशों की डिजाइनिंग बेहतर है। जबकि वास्तविकता यह है कि यहां भी कई तरह के इनोवेशन एवं प्रैक्टिकल किए। जा रहे हैं तथा खुद यहां आने वाले विदेशियों को यह प्रभावित करता है। भारत में ग्राफिक डिजाइनिंग के भविष्य के बारे में यही कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में हर जगह इन्वेस्टमेंट हो रहा है। इसके चलते डिजाइनरों की मांग बढ़ती जा रही है।
मिलने वाली सेलरी (graphic design courses Salary details)
यदि आपकी क्रिएटिविटी जबरदस्त है तो आप लाखों में खेल सकते हैं। जॉब से लेकर फ्रीलांसिंग में पैसे का बोलबाला है। शुरुआती दौर में ट्रेनी ग्राफिक डिजाइनर को 10-15 हजार रुपये, जूनियर ग्राफिक डिजाइनर को 15-20 हजार रुपये, सीनियर या एक दो साल का अनुभव हो जाने पर 20-25 हजार रुपये, आर्ट डायरेक्टर को 30-35 हजार रुपये तथा डिजाइनर हेड को 60-70 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से मिल जाते हैं। जबकि फ्रीलांसिंग करने वालों को प्रति मिनट के हिसाब से चार्ज किया जाता है। यदि अपना काम कर रहे हैं तो आपकी आमदनी काफी कुछ काम के स्वरूप पर निर्भर करती है।
वेबसाइट- www.apeejay.edu
एरिना एनिमेशन, नई दिल्ली वेबसाइट- www.arena-multimedia.com (देश में कई जगह शाखाएं मौजूद) । सृष्टि स्कूल ऑफ डिजाइन, बैंगलौर
वेबसाइट- WWW.Srishti.ac.in
टीजीसी एनिमेशन एंड मल्टीमीडिया, नई दिल्ली वेबसाइट- www.tgcindia.com
सिम्बियोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे
वेबसाइट- WWW.Symbiosisdesign.ac.in
आईआईएलएम स्कूल ऑफ डिजाइन, गुरुग्राम
वेबसाइट- www.ilm.in
graphic design courses fees in mumbai
रचनात्मकता ग्राफिक डिजाइनिंग के बूते प्रोफेशनल्स नई इबारत लिख रहे हैं। आज दिन प्रतिदिन नए डिजाइनों का आगमन हो रहा है, जो कि इन्हीं ग्राफिक डिजाइनरों की देन है। आपके क्लाइंट का रुख भी समय के साथ बदलता रहता है। उनकी डिमांड को ध्यान में रखते हुए डिजाइन सामने लानी पड़ती है।पाठ्यक्रम से जुड़ी जानकारी
पाठ्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रमुख डिजाइनों के बारे में अवगत कराने से लेकर कम्प्यूटर द्वारा उनके अनुप्रयोग संबंधी जानकारी प्रदान की जाती है। इसके अंतर्गत कई तरह के सॉफ्टवेयरों की जानकारी दी जाती है। विज्ञापन एजेंसियों में एड का लेआउट बनाने, पोस्टर, बैनर डिजाइन करने, कार्टून तैयार करने, फिल्मों में प्रोडक्शन संबंधी मदद तथा वेबसाइट पर वेब पेज की डिजाइनिंग आदि सभी ज्ञान छात्रों को पाठ्यक्रम के दौरान दिया जाता है। इसमें थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल की भरपूर जानकारी दी जाती है। कोर्स समाप्त होने के बाद छात्रों को प्रमुख डिजाइनिंग स्टूडियो व एजेंसी में इंटर्नशिप के लिए भेजा जाता है।
कई जगह मिलेगा रोजगार (graphic design courses in india)
ग्राफिक डिजाइनिंग का कार्यक्षेत्र काफी फैला हुआ है। शर्त यही है कि प्रोफेशनल्स को डिजाइनिंग की अच्छी समझ होनी चाहिए। क्योंकि बिना अच्छी जानकारी के बेहतर डिजाइन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। आज सबसे अधिक संभावनाएं एड एजेंसी, प्रिंट इंडस्ट्री, वेब डिजाइनिंग इंडस्ट्री आदि में सामने आ रही है। इंटरनेट पर नित्य नए प्रयोग किए जा रहे हैं, हर चीज का प्रजेंटेशन आकर्षक होता जा रहा है। ग्राहकों को लुभाने के लिए यह अहम कड़ी साबित हो रहा है। इलेस्ट्रेशन, कैरीकेचर तथा कार्टून हर अखबार की पसंद में शामिल हैं। इसके अलावा कई पत्र-पत्रिकाओं से लेकर प्रोडक्शन हाउसों, एड एजेंसियों एवं फ्रीलांसिंग का
कार्य किया जा सकता है। ऐसे में कहना गलत न होगा कि इसका कार्यक्षेत्र असीम है।
Our Review about Graphic Designing
यदि ग्राफिक डिजाइनिंग का वर्तमान परिदृश्य देखें तो कार से लेकर सुई तक, पैकेजिंग, फिल्मों में सेट डिजाइनिंग आदि अनेकों कार्य उसी के जरिए संपन्न हो रहे हैं। इसमें आने वाले छात्रों को कई बिन्दुओं पर अपना ध्यान केन्द्रित करना पड़ता है। क्योंकि एप्लीकेशन रोजाना बदलते जा रहे हैं। उन्हें आत्मसात करके ही आगे बढ़ा जा सकता है। आर्ट का ज्ञान, क्रिएटिविटी तथा इस क्षेत्र में गूढ रुझान इन तीनों के बिना ग्राफिक डिजाइनर बनना मुश्किल कार्य है। एक सामान्य डीटीपी कोर्स के बाद छात्र जहां 8-10 हजार प्रतिमाह कमाता है, वहींग्राफिक डिजाइनर का पाठ्यक्रम कर लेने के बाद सैलरी 20-25 हजार रुपये प्रतिमाह तक पहुंच जाती है। लोगों का मानना है कि भारत की अपेक्षा विदेशों की डिजाइनिंग बेहतर है। जबकि वास्तविकता यह है कि यहां भी कई तरह के इनोवेशन एवं प्रैक्टिकल किए। जा रहे हैं तथा खुद यहां आने वाले विदेशियों को यह प्रभावित करता है। भारत में ग्राफिक डिजाइनिंग के भविष्य के बारे में यही कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में हर जगह इन्वेस्टमेंट हो रहा है। इसके चलते डिजाइनरों की मांग बढ़ती जा रही है।
मिलने वाली सेलरी (graphic design courses Salary details)
यदि आपकी क्रिएटिविटी जबरदस्त है तो आप लाखों में खेल सकते हैं। जॉब से लेकर फ्रीलांसिंग में पैसे का बोलबाला है। शुरुआती दौर में ट्रेनी ग्राफिक डिजाइनर को 10-15 हजार रुपये, जूनियर ग्राफिक डिजाइनर को 15-20 हजार रुपये, सीनियर या एक दो साल का अनुभव हो जाने पर 20-25 हजार रुपये, आर्ट डायरेक्टर को 30-35 हजार रुपये तथा डिजाइनर हेड को 60-70 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से मिल जाते हैं। जबकि फ्रीलांसिंग करने वालों को प्रति मिनट के हिसाब से चार्ज किया जाता है। यदि अपना काम कर रहे हैं तो आपकी आमदनी काफी कुछ काम के स्वरूप पर निर्भर करती है।
प्रमुख संस्थान ।
एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइनिंग, नई दिल्लीवेबसाइट- www.apeejay.edu
एरिना एनिमेशन, नई दिल्ली वेबसाइट- www.arena-multimedia.com (देश में कई जगह शाखाएं मौजूद) । सृष्टि स्कूल ऑफ डिजाइन, बैंगलौर
वेबसाइट- WWW.Srishti.ac.in
टीजीसी एनिमेशन एंड मल्टीमीडिया, नई दिल्ली वेबसाइट- www.tgcindia.com
सिम्बियोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे
वेबसाइट- WWW.Symbiosisdesign.ac.in
आईआईएलएम स्कूल ऑफ डिजाइन, गुरुग्राम
वेबसाइट- www.ilm.in
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