मेरा बेटा बीटेक फाइनल वर्ष की पढ़ाई कर रहा है, वह इस क्षेत्र में अपने करियर की संभावनाओं को लेकर अवसादग्रस्त रहता है। कृपया बताने का कष्ट करें कि अनेक युवा जो आई टी ग्रेजुएट | होते हुए भी बेरोजगार क्यों रह जाते हैं यद्यपि लगभग सारे इंजीनियरिंग कॉलेजों में आई टी और कंप्यूटर साइंस का अध्ययन कराया जाता है?सच यह है कि भारतीय आईटी इंडस्ट्री सदैव स्किल की मांग करती हैं। यदि आप समाचार पत्रों के द्वारा आईटी के छात्रों के संबंध में पेश की गई रिपोर्टों को देखें तो आप पाएंगी कि अनेक सर्वे से यह उभर कर आया है कि संपूर्ण भारत के इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों में से ज्यादातर छात्रों में प्रोग्रामिंग एंड एल्गोरिथम स्किल, | डोमेन स्किल, एनालिटिक और क्वांटेटिव स्किल, इंग्लिश स्पीकिंग | और कॉम्प्रिहेशन स्किल सॉफ्ट एंड कंजनिटिव स्किल की कमियां पाई गई हैं। अतः इन सब के आधार पर कहा जाता है कि बहतायत | कभी भी गुणवत्ता की गारंटी नहीं होती। यह दोनों दो अलग-अलग चीजें हैं।
- गौरी ठक्कर
जिस बेरोजगारी का आप जिक्र कर रही हैं वो संपूर्ण रूप से हमारे निम्न अकादमिक स्तर और स्किल युक्त कर्मचारियों की | मांगों पर आधारित है जो हमारे देश में खतरनाक अंतराल को | दर्शाता है। कॉर्पोरेट क्षेत्र ऐसे कैंडिडेट की मांग करते हैं जिनके पास बेसिक स्किल हो और न्यनतम टेनिंग की आवश्यकता हो। लेकिन अब छात्र स्किल डेवलपमेंट और नौकरी पाने के लिए ज्यादा तत्पर रहते हैं बजाय कि अपने स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान केंद्रित आवश्यकता से बहुत कम है, ऐसे विद्यार्थी जो गुणवत्ता के पैमानों पर खरे नहीं उतरते हैं, वे नियुक्तियों से बाहर हो जाते हैं।
IT Graduate होते हुए भी बेरोजगार क्यों?
आज अगर आईटी कंपनी के रोजगार के ट्रेंड को देखा जाए तो | ऐसे उम्मीदवार जो फंक्शनल प्रोग्रामिंग और कंप्यूटर की | नवीनतम लैंग्वेज का ज्ञान रखने वाले पीजी श्रेणी वालों को नियुक्त | किया जा रहा है। ज्यादातर छात्र आज भी जावा और सी+ + जैसी | प्रोग्रामिंग भाषाओं का अध्ययन ही करते हैं और वहीं कुछ छात्र रुबी, आर एंड पेथॉन, ऑरेकल और F# का अध्ययन करते हैं। नेसकॉम के एक अध्ययन के अनुसार लगभग 6 लाख लोगों को | 2022 तक साइबर सुरक्षा की आवश्यकता होगी जिसको पूर्ण करने में हम अभी भी अक्षम हैं।
मैं बीफॉर्मा अंतिम वर्ष की छात्रा हूं और ग्रेजुएशन करने के बाद हेल्थकेयर मैनेजमेंट क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हूं। मुझे बतायें कि भारत में इस क्षेत्र को लेकर क्या स्कोप हैं?
- निशा कुमारीहेल्थकेयर मैनेजमेंट के क्षेत्र में वर्तमान में बहुत से मौके हैं जैसे | कि हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन प्रोफेशनल, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट एक्सपर्ट, एनजीओ कंसल्टेंट, असिसटेंट मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, मेडिकोलीगल सुपरिंटेंडेंट, एचआर प्रोफेशनल्स, क्वालिटी एंड रिस्क मैनेजमेंट एक्सपर्ट, बिजनेस डेवलेपमेंट प्रोफेशनल्स तथा हेल्थ इंश्योरेंश प्रोफेशनल्स। मेडिकल टूरिज्म भी एक सेक्टर है, जिसमें ट्रीटमेंट चार्जेस यूरोप और यूएसए की
अपेक्षाकृत बहुत कम है। बीफॉर्मा करने के बाद आप इनमें से | किसी एक क्षेत्र में अपना करियर बना सकती हैं।
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