Education loan for abroad studies in SBI
वह समय आ गया है जब 10+2(आईजीसीएसई IGCSE) और 10+2+3 के छात्रों की पूरी साल की गई मेहनत के नतीजे सामने आएं हैं। इन छात्रों को परीक्षाओं में मिले सम्मानजनक ग्रेड उन्हें सर्वश्रेष्ठ हायर एजुकेशन के लिए देश-विदेश में मशहूर संस्थानों में दाखिला देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देश के अंदर और बाहर हायर एजुकेशन के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने के प्रयास में स्टूडेंट्स के अच्छे नंबर काफी अहमियत रखते हैं। आज के टीनएजर और नवयुवक केवल सपने ही नहीं देखते, बल्कि वह यह भी जानते हैं कि इन सपनों को कैसे पूरा करना है। वह आगे बढ़ने की ऊर्जा से भरपूर होते हैं और अपनी राह में आने वाली तमाम बाधाओं, मुश्किलों और रुकावटों को हटाने के लिए तैयार रहते हैं। भारतीय छात्र अपने सपनों को पूरा करने के लिए देश से बाहर जाने के इच्छुक रहते हैं। भारत सरकार के अगस्त 2017 में जारी किए गए रिकॉर्ड से यह खुलासा हुआ है कि दुनिया भर के शिक्षण संस्थानों में 5.53 लाख भारतीय छात्रों ने दाखिला लिया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार सर्वश्रेष्ठ उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों को अपनी ओर खींचने वाले 86 देशों में एशिया के 36, यूरोप के 32, अफ्रीका के 7, दक्षिण अमेरिका के 6 और उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में 2-2 देश शामिल हैं। हायर एजुकेशन के लिहाज से अमेरिका भारतीय छात्रों की सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन बनकर उभरा है, जहां 2,06,708 भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं। इसके बाद कनाडा में 1,00,000 भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया का इस मामले में तीसरा स्थान है। वहां 63,283 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।Education loan eligibility
विदेश में शिक्षा ग्रहण करने की तैयारी का सपना हकीकत में बदलने की तैयारी आमतौर पर विदेशी शिक्षण संस्थाओं में दाखिला लेने के एक साल पहले शुरू होती है। जिन छात्रों का विदेश में शिक्षण संस्थाओं में दाखिला देने के लिए शार्टलिस्ट किया जाता है, वह अगले कुछ सालों तक उस देश को अपने दूसरे घर के रूप में प्राथमिकता देते हैं। विदेश में मौजूद शिक्षण संस्थाओं और उसमें ऑफर किए जाने वाले कोर्सेज के अलावा उस देश में मनी की वैल्यू (भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में) को भी ध्यान में रखा जाता है। एजुकेशन काउंसलर छात्रों को विभिन्न पहलुओं, जैसे किसी कोर्स में स्पेशलाइजेशन करने के लिए चुने गए देशों की यूनिवर्सिटीज के बारे में जानकारी देना, वित्तीय मदद की उपलब्धता, आवेदन प्रक्रिया, वीजा की औपचारिकता समेत अन्य जरूरी विषयों की जानकारी देते हैं। छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए किसी देश की यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने में एक अन्य महत्वपूर्ण कारक उस देश में कानून व्यवस्था की स्थिति और उन देशों की सरकार की ओर से लागू किए गए वीजा के नियम होता है। छात्र विदेश में शिक्षा हासिल करने के लिए जीआरई या टीओएफईएल एग्जाम देकर अगला कदम उठाते हैं, जिसका स्कोर विदेश में मौजूद शिक्षण संस्थाओं में एडमिशन लेने की एक जरूरी शर्त होता है। वीजा प्रक्रिया में रिश्तेदारों की ओर से दिए गए एजुकेशन लोन, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पीएसयू) के बैंक, नॉन बैकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) से फंडिंग का साक्ष्य सुनिश्चित करना भी शामिल करना जरूरी होता है। विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रों को लोन मुहैया कराने वाले बैंक में एचडीएफसी क्रेडिला, एवांस, इनक्रेड, ऑक्सिलो आदि बैंक शामिल हैं, जो छात्रों को वीजा से पहले की फंड की तमाम जरूरत को पूरा करते हैं। इसके अलावा इस लोन से छात्रों की सेमेस्टर फीस भी अदा की जाती है और उनके दूसरे खर्च भी पूरे होते हैं। विदेश में छात्रों को शिक्षा के लिए मुहैया कराए जाने वाले लोन की राशि पढ़ाई की पूरी अवधि में चुकाई जाने वाली अनुमानित राशि पर निर्भर करती है। इसके अलावा किसी कोर्स के लिए संभावित उम्मीदवार की ओर से हासिल की गई स्कॉलरशिप की राशि, स्टूडेंट्स के पैरेंट्स की ओर से मुहैया कराई जाने वाली रकम और वित्तीय संस्थाओं की ओर सेऑफर की गई विभिन्न योजनाओं पर निर्भर करता है कि छात्रों को कितना लोन मिल सकता है? । एक बार लोन मंजूर हो जाने और दाखिले की औपचारिकताएं पूरी हो जाने के बाद स्टूडेंट्स को जुलाई या अगस्त के मध्य में उस देश में जाने की तैयारी करनी होती है, जहां उन्हें शिक्षा ग्रहण करनी है। इस दौरान उन्हें अपने तात्कालिक और विदेश में रहने के खर्चे का हिसाबvकिताब भी लगाना पड़ता है। हायर एजुकेशन के लिए विदेश में पढ़ने जाने वाले छात्र फॉरेन एक्सचेंज से करंसी नोट हासिल कर सकते हैं या प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड की सेवाएं हासिल कर सकते हैं। इस कार्ड से छात्रों को संबंधित देश की खास करेंसी मिल जाती है, जो एसेल फाइनेंस और वीकेएक्स फॉरेक्स लिमिटेडvजैसे फॉरेक्स फ्लेयर की ओर से मुहैया कराई जाती है।education loan for abroad studies without security
यह ट्रैवल कार्ड अपनी लचीली प्रकृति के कारण काफी | उपयोगी होते हैं। एक बार इस्तेमाल करने पर पूरी तरहफंड मुहैया कराने वाले काड्र्स को छात्रों के अभिभावक एक निश्चित अवधि के लिए उन देशों की
करंसी से रीलोड करा सकते हैं। इसके अलावा एक अन्य फीचर कैश टू बैंक ट्रांसफर है, जिससे जिस देश में छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उस देश में उनके बैंक अकाउंट में कैश सीधे ट्रांसफर होने से छात्रों को काफी मदद मिल जाती है। ये कार्ड देश के बाहर स्थित बैंकों के एटीएम से सातों दिन 24 घंटे हासिल किए जा सकते हैं। बैंक रिटेल कस्टमर्स से काफी मानक कार्ड रेट लेते हैं। उपभोक्ताओं को ट्रैवल पिन कार्ड चेंज और ऑनलाइन इस्तेमाल की सुविधाओं का एक्टिवेशन की जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए बैंक की ब्रांच में जाना पड़ता है। फॉरेक्स प्लेयर्स की ओर से डोर स्टेप सर्विस से छात्रों को काफी सुविधा मिलती | है। इस प्रक्रिया में फॉरेक्स कार्ड जैसे हमारे जैसे | मध्यस्थ छात्रों की मदद करते हैं।
एसेल फाइनेंस और वीकेसी फॉरेक्स लिमिटेड एक वन स्टॉप शॉप है क्योंकि हम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के तहत लाइसेंस प्राप्त बिक्री प्रदाता हैं, जो बहुत सारी एनबीएफसी की तरह छात्रों को विदेश में पैसा भेजते हैं। इसलिए इन स्टूडेंट्स के लिए ये कंपनियां करेंसी के अकाउंट, पैसा भेजने और कार्ड की उनके घर की
दहलीज पर डिलिवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एजुकेशन लोन देने वाली कंपनियों को दो साल तक
ऋण नहीं लौटाना पड़ता। इस अवधि में केवल ब्याज ही देना पड़ता है। ब्याज की दर आमतौर पर 11-13 फीसदी सालाना होती है। यह ब्याज दर ऑफर की गई सिक्युरिटी पर निर्भर करती है। इससे छात्रों को पढ़ाई पूरी करने, नौकरी की तलाश करने और अपनी कमाई से लोन लौटाने की मंजूरी मिलती है। आमतौर पर पैरेंट्स को सहआवेदक माना जाता है, जो छात्रों को नौकरी मिलने तक उसकी पढ़ाई के लिए लिए जाने वाले लोन को मैनेज करने में मदद करते हैं।
प्रमुख सवाल
विदेश में पढ़ाई के लिए लिया गया एजुकेशन लोन कैसे लौटाएं? education loan for diploma course abroad
एजुकेशन लोन कंपनियां 2 साल के लिए शिक्षा पर लिए लोन की मूल राशि को रिकवर नहीं करती। इस अवधि में वह केवल ब्याज चार्ज करती है। इससे छात्र को अपनी स्टडीज पूरी करने, नौकरी खोजने और फिर अपनी कमाई से लोन वापस लौटाने की अनुमति मिलती है। आमतौर पर पैरंट्स को सहआवेदक के रूप में शामिल किया जाता है, जो छात्र की नौकरी मिलने तक उसके एजुकेशन लोन को मैनेज कर सकते हैं या लोन का ब्याज चुका सकते हैं।
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