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प्लेन लाई-फाई ( PLANE LI-FI )
ज्यादतर फ्लायर्स ये जानते हैं कि हवाई जहाज में अपने मोबाइल को "एअरप्लेन मोड' पर लेना होता है। लाइट बेस्ड टेक्नोलॉजी अब इजाजत देगी कि लोग लैंडिंग और टेक ऑफ के वक्त भी अाप ऑनलाइन रह पाएं। ऊपर लगे एलईडी बल्ब हर सेकंड में हजारों बार चालू-बंद होंगे, यह इतनी तेजी से होगा कि इंसानी आंखें इसे नहीं देख सकेंगी। इनसे ही डेटा आएगा-जाएगा जो सामान्य वाई-फाई से सौ गुना तेज गति से होगा। एअरबस अपने विमानों में यह टेक्नोलॉजी इंस्टॉल कर रही है। लाई-फाई से कनेक्ट होने के लिए खास डोंगल की जरूरत होगी, जो आपके लैपटॉप से अटैच होगा।
क्राउडटर्फिंग (CROWDTURFING)
प्रोडक्ट खरीदते या बुक करते हुए अक्सर लोग ऑनलाइन रिव्यूज की मदद लेते हैं। कुछ फर्म्स पैसा देती हैं और अपने प्रोडक्ट की अच्छी रिव्यू लिखवाती हैं। कुछ प्रतियोगी प्रोडक्ट की बुराई भी समीक्षकों से करवाती हैं। इसे "क्राउडसर्फिंग' कहा जाता है। इस शब्द की उपज 'क्राउडसोर्सिंग' से है। इसमें बड़ी संख्या में लोगों को एक काम (जैसे फेक रिव्यूज) के लिए हायर किया जाता है। इस टर्म का उपयोग नकली जनसाधारण सहायता को दर्शाने के लिए किया जाता है। 

 WiFi-Basic Difference between LiFi and WiFi

प्लैटूनिंग (PLATOONING)
सेमी-ऑटोनॉमस(आंशिक रूप से खुद-ब-खुद चलने वाले) ट्रक्स का वो दस्ता होता है, जिसे एक इंसानी ड्रायवर लीड करता है। यह कॉनवॉय तमाम सेंसर्स से जुड़ा होता है। दुर्घटना से तो बचाव होता ही है, दस प्रतिशत तक फ्यूल बचता है और जाम भी नहीं लगता।
एमहेल्थ (mHEALTH)
वियरेबल टेक्नोलॉजी, जैसे फिटबिट्स और एपल वॉच अापकी सेहत और गतिविधियों से जुड़ा बड़ा डेटा कलेक्ट करती हैं। जब डेटा वक्त के साथ बढ़ता ही जाएगा और डॉक्टर इसकी मदद से इलाज करने लगेंगे। इसे "मोबाइल हेल्थ' या एमहेल्थ कहते हैं। बीमारी पहचानने में आपके बताए लक्षण तो काम आएंगे ही, यह डेटा भी डॉक्टर्स की खूब मदद करेगा।
क्यूआई (Qi)
यह वायरलेस चार्जिंग से जुड़ा है। एपल कभी भी एअरपॉवर चार्जिंग पैड जारी कर सकता है जो आईफोन और आईवॉच के काम आएगा। कई अन्य कंपनियों ने भी क्यूआई वायरलेस चार्जिंग स्टैंडर्ड को अपनाया है। इसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड की मदद से डिवाइस चार्ज होती है। ट्रांसमीटर की रेंज में आते ही चार्जिंग शुरू हो जाती है। ये चार्जिंग जोन आने वाले वक्त में कॉफी शॉप्स से लेकर एअरपोर्ट्स तक में दिखेंगे। फोर्ड, बीएमडब्ल्यू, टोयोटा जैसी कंपनियां ये चार्जिंग पैड्स अपनी कारों में भी लगाने की तैयारी में हैं।

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