अर्थशास्त्र में उजला करियर बनाने के लिए किसी भी विद्यार्थी से यह अपेक्षा की जाती है कि वह सामान्य गणित और सामान्य सांख्यिकी से भलीभांति परिचित हो। अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर कई ऐसे विषय पढ़ाए जाते हैं, जो छात्रों को अलग-अलग करियर की दिशाओं में ले जाते हैं। इनमें लोक अर्थशास्त्र, कृषि अर्थशास्त्र, वित्तीय अर्थशास्त्र, बैंकिंग | अर्थशास्त्र जैसे विषय प्रमुख रूप से आते हैं। | अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन करने के उपरांत बैकिंग, वित्त, बीमा, शेयर बाजार और अन्य सार्वजनिक एवं निजी सेक्टर में रोजगार के चमकीले अवसर उत्पन्न हो जाते हैं। इसके साथ ही व्यापार, कारोबार और उद्योग के क्षेत्र में रोजगार| स्वरोजगार के चमकीले अवसर हैं। वर्तमान समय में बिजनेस पत्रकारिता भी एक चमकता हुआ क्षेत्र है। समाचार पत्रों तथा आर्थिक पत्रिकाओं में व्यापार एवं उद्योग से संबंधित कॉलम एवं विश्लेषण प्रकाशित होते हैं। अतः अर्थशास्त्र के जानकारों के लिए समाचार पत्रों एवं आर्थिक | पत्रिकाओं में बिजनेस पत्रकारिता के रूप में रोजगार के चमकीले अवसर हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 1991 में नई आर्थिक नीति के बाद बैंकों की भूमिका लगातार परिवर्तित हो रही है। पहले सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक धन जमा करने, धन सम्प्रेषित करने, ऋणों और अग्रिमों जैसी सेवाओं तक सीमित बने हुए थे। परंतु अब आम आदमी को बैंकों से जोड़ दिया गया है।
बैंक का कार्यक्षेत्र बीमा पालिसियां बेचने और म्युचुअल फंड्स जैसी सेवाओं तक बढ़ गया है निजी क्षेत्र के बैंक भी सरकारी बैंकों की तरह ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में नई-नई शाखाएं खोल रहे हैं। यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि देश के अधिकतर सरकारी और निजी क्षेत्र के । बैंक अपनी शाखाओं और एटीएम नेटवर्क का बड़े पैमाने पर विस्तार कर रहे हैं। इससे बड़ी | संख्या में रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जो विद्यार्थी अर्थशास्त्र में स्नातक होते हैं उनके लिए बैंकिंग क्षेत्र में | चमकीला करियर है। प्रोबेशनरी ऑफिसर तथा बैंक क्लर्क के रूप में करियर निर्माण वेतन और | कार्य की प्रकृति दोनों दृष्टिकोणों से प्रतिष्ठापूर्ण है। निश्चित रूप से बैंक में भर्ती अच्छे करियर का अवसर प्रदान करती है।
अपने अनुभव और कार्य कौशल से आप शीर्ष प्रबंधन के स्तर तक पहुंच सकते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण से आम और खास आदमी के बीच निवेश की प्रवृत्ति का विकास हुआ है। ऐसे में अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए शेयर बाजार अच्छे रोजगार का तेजी से बढ़ता विकल्प है। उल्लेखनीय है कि शेयर बाजार के नाम से | घबराने वाला सामान्य व्यक्ति भी आज शेयर बाजार में विशेष रुचि लेने लगा है। शेयर बाजार के कायदे-कानून इतने जटिल हैं कि इन्हें आम आदमी के लिए समझ पाना आसान नहीं है, जिसके चलते इन्हें समझने व क्रियान्वित करने के लिए प्रशिक्षित व्यक्तियों की जरूरत पड़ती है।
अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन करने के उपरांत शेयर बाजार से जुड़े रोजगारोन्मुखी कोर्स करके शेयर बाजार के क्षेत्र में चमकीला करियर बनाया जा सकता है। शेयर बाजार में बड़े निवेशकों की बढ़ती रुचि के परिणामस्वरूप ही इन बाजारों में रोजगार के अवसरों में | भारी इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि शेयर बाजार में केवल शेयर खरीदने-बेचने का माध्यम बनने वाले ब्रोकर ही नहीं होते, बल्कि लगातार बढ़ते बाजार के कारण इसमें विभिन्न प्रकार के रोजगार की बेहतर संभावनाएं भी सामने आई हैं।
आम आदमी की समझ में इंश्योरेंस फंड, रिटायरमेंट फंड और म्युचुअल फंड नहीं आते हैं, इसलिए अगर उन्हें शेयर बाजार में निवेश करना है तो तमाम मुद्दों पर सलाह-मशविरे के लिए विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है। इसलिए इस क्षेत्र में कंसल्टेंसी के रूप में सर्वाधिक रोजगार के अवसर हैं। अब ऑनलाइन कारोबार होने के कारण एक जगह बैठे-बैठे देश ही नहीं अपितु दुनिया के किसी भी स्टॉक मार्केट में डीलिंग की जा सकती है। मार्केट एनालिस्ट, रिसर्च एनालिस्ट या इक्विटी रिसर्चर के तौर पर भी अर्थशास्त्र के जानकारों के लिए रोजगार के ढेरों अवसर हैं।
इस क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की भारी डिमांड रहती है। तमाम इनवेस्टमेंट बैंक, म्युचुअल फंड कंपनियां, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट,फाइनेंशियल वेबसाइट, स्टॉक ब्रोकिंग फर्म आदि में भी अर्थशास्त्र के जानकारों के लिए भरपूर रोजगार उपलब्ध हैं। इकोनॉमिस्ट, अकाउंटेंट,फाइनेंशियल एनालिस्ट एंड स्पेशलिस्ट, इंडस्ट्री स्पेशलिस्ट, कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंशियल प्लानर्स और ब्रोकर जैसे कार्यों से जुड़कर अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ अच्छी खासी कमाई कर सकते संघ लोक सेवा आयोग की भारतीय आर्थिक सेवा एवं सांख्यिकी सेवा परीक्षा अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए भारत में सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथा शीर्षस्थ चयन परीक्षा है। अर्थशास्त्र के पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए भारतीय आर्थिक सेवा एवं भारतीय सांख्यिकी सेवा करियर के आकर्षक अवसर प्रदान करती है ।
इस परीक्षा का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। इस परीक्षा में चयनित विद्यार्थियों को केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, योजना संबंधी पदों एवं समितियों में सहायक निदेशक, आर्थिक सलाहकार, सांख्यिकी सलाहकार एवं उच्चस्तरीय आर्थिक एवं सांख्यिकी अधिकारी जैसे प्रतिष्ठापूर्ण पदों पर नियुक्त किया जाता है। चूंकि भारतीय आर्थिक सेवा एवं भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा अर्थ विशेषज्ञ एवं सांख्यिकीवेत्ता बनाने वाली सुनहरी डगर है, अतएव इस डगर पर आगे बढ़ने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को चाहिए कि वे पूरे मनोयोग से इस परीक्षा की तैयारी करें तथा इस परीक्षा में सफल होकर अर्थशास्त्र के क्षेत्र में स्वर्णिम करियर प्राप्त करें।
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