खबरों के लिए आज केवल अखबार या चैनल ही नहीं बल्कि यूट्यूब चैनल और वेब पोर्टल भी बड़े माध्यम बन गए हैं। सीधे तौर पर कहें तो आज ऑनलाइन मीडिया और कम्युनिटी जर्नलिज्म का जमाना है। देश-दुनिया की खबरों के साथ इंसान अपने आस-पास घटनाओं के बारे में भी जानना चाहता है। इंटरनेट आने के बाद पत्रकारिता का भविष्य अब वेब पर आ गया है। वेब यानी ऑनलाइन मीडिया। इसे ही न्यू मीडिया भी कहते हैं। प्रिंट, रेडियो और टीवी की चकाचौंध के बीच तेजी से उभरता हुआ यह एक ऐसा मीडिया है, जहां आप कुर्सी पर बैठे-बैठे ही कोई भी अखबार देख और पढ़ सकते हैं। भले ही वे दुनिया भर में कहीं भी प्रकाशित हो रहे हों। किसी भी भाषा में हों। स्मार्ट मोबाइल के आ जाने से तो अब आप चलते-फिरते कहीं भी, जहां चाहें खबर पढ़ सकते हैं। दिनभर की खबरों से अपडेट रह सकते हैं। इसके लिए अब किसी अखबार और टीवी का इंतजार नहीं करना। इंटरनेट के माध्यम से की जाने वाली यह वेब पत्रकारिता बहुत हद तक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से मेल खाती है। लेकिन इसकी व्यापकता और पुरानी खबरों को दोबारा देख सकने की सुविधा के कारण आज इसका अपना एक अलग वजूद कायम हो चुका है।
जरूरी कोर्स और योग्यता (Journalism Courses and Eligibility)
देश में पत्रकारिता (Journalism) की पढ़ाई कराने वाले ढेरों संस्थान हैं, लेकिन इनमें अभी वेब जर्नलिज्म का अलग से कोई कोर्स संचालित नहीं होता है। परफैक्ट न्यूज़ के मुताबिक आमतौर पर सभी शिक्षण संस्थान पत्रकारिता पाठ्यक्रम के अंतर्गत ही न्यूज मीडिया/ऑनलाइन मीडिया/वेब पोर्टल/ यूट्यूब/साइबर मीडिया विषयों को भी सम्मिलित करते हैं, जिसके तहत स्टूडेंट को पत्रकारिता के भूलभूत सिद्धांत, कंप्यूटर पर विभिन्न सॉफ्टवेयर का प्रयोग और सूचना प्रौद्योगिकी के विषयों की जानकारी दी जाती है। वर्तमान में मास कम्युनिकेशन के तहत डिग्री, पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स संचालित हो रहे हैं। लेकिन इनके लिए शैक्षिक योग्यताएं अलग-अलग हैं। डिग्री कोर्स के लिए स्टूडेंट को किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पास होना जरूरी है। जबकि पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन होनी चाहिए। इसी कोर्स में आगे चलकर आप मास्टर डिग्री और पीएचडी भी कर सकते हैं।
कहां-कहां हैं रोजगार के अवसर ( Khan Khan Hain Rojgar ke Avsar)
इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की हालिया स्टडी के अनुसार, वर्ष 2020 तक देश में डिजिटल ऐड मार्केट करीब 33.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। जबकि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और रेडियो की ऐड ग्रोथ रेट क्रमशः 8.6 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 16.9 प्रतिशत तक ही रहने का अनुमान है। जाहिर है आगे भी वेब जर्नलिज्म में संभावनाएं बहुत हैं। अब तो ऑनलाइन खबरों को पढ़ने के लिए लोग कंप्यूटर के अलावा स्मार्ट मोबाइल का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। यही कारण है कि आज कोई भी लीडिंग अखबार हो या फिर न्यूज चैनल हो, उनका अपना वेब एडिशन है। चूंकि इन्हें कंटेंट अपने मूल नेटवर्क से ही मिल जाता है, जिसे ठीक करके वेबसाइट पर अपलोड करना होता है। ऐसी जगहों पर आपको कॉपी एडिटर, सीनियर कॉपी एडिटर, चीफ कॉपी एडिटर और संपादक के तौर पर नौकरी मिल सकती है। इसके अलावा, कई स्वतंत्र न्यूज पोर्टल्स भी हैं, जिनके पास अपना कोई अखबार या न्यूज चैनल नहीं है। ऐसे में इन्हें खबरों को कवरेज करने के लिए रिपोर्टर के साथ साथ कॉपी एडिटर समेत तमाम अन्य स्टाफ की भी हर समय जरूरत रहती है। डॉटकॉम में जर्नलिस्टो के अलावा डिजाइनर और वेब डेवलपर्स के लिए भी | बड़ी संख्या में नौकरी के मौके हैं। डिजाइनर जहां । वेबसाइट को विजुअल लुक देने का काम करते हैं। वहीं Web Developer Design किये गये पेज की कोडिंग करना, लिंक देना और पेज अपलोड करने का काम देखते हैं।
तकनीकी ज्ञान है (Technical Knowledge )
जरूरी डायरेक्टर नलिन रंजन सिंह का कहना है कि वेब पोर्टल और इसके जर्नलिज्म में सफल होने के लिए पत्रकारिता के गुणों के साथ-साथ आपको तकनीकी ज्ञान होना जरूरी है। साथ में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं की अच्छी समझ भी होनी चाहिए। चूंकि इस ऑनलाइन पत्रकारिता की पूरी बुनियाद ही इंटरनेट पर टिकी है।
प्रमुख संस्थान
प्रमुख संस्थान
- एनआरएआई स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन www.nraismc.com
- एडिटवक्र्स स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन www.editworks.co.in
- माखनलाल चतुर्वेदी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म, भोपाल/नोएडा www.mcu.ac.in
- इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नईदिल्ली Www.ignou.ac.in
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