कई बार जॉब साइट्स पर फेक जॉब्स प्रकाशित हो जाती हैं और जॉब एप्लीकेंट्स इन पर विश्वास भी कर लेते हैं। समय-समय पर कंपनीज भी फेक न्यूज को लेकर आगाह करती रहती हैं। ऐसे भी कई उदाहरण सामने आए हैं जब कंपनियां डिसक्लेमर देती हैं कि उन्होंने कोई जॉब नोटिफिकेशन नहीं दिया है। वे फेक जॉब को रिपोर्ट करने का आग्रह भी करती हैं। इसके अलावा जॉब पोर्टल्स भी फेक जॉब पोस्टिंग्स के खिलाफ कैंपेन चलाते हैं।
इस तरह लगाएं फेक जॉब का पता
कोई जॉब फेक है या नहीं इसका पता लगाने के लिए आप सबसे पहले ईमेल के टॉप के नजदीक शो डीटेल्स वाले ऑप्शन पर क्लिक करें और मेलर की ऑथेंटिसिटी को चेक करें। यहां मेल्ड बाय और साइन्ड बाय के काॅलम में एक जेनुइन रिक्रूटर प्लेटफॉर्म से जुड़े लोगों के क्रेडेंशियल्स हमेशा मौजूद होते हैं।
अगर आपने जॉब के लिए अप्लाय कर दिया है तो सिर्फ जेनुइन रिक्रूटर्स और कंसल्टेंट्स ही आपको कॉल करेंगे। इसके अलावा आपकी बातचीत आपके बैकग्राउंड, अनुभव और स्किल्स के बारे में ही होगी। बातचीत में कहीं भी फीस, पेमेंट की डिमांड नहीं होगी।
सही रिक्रूटमेंट प्लेटफॉर्म ही अपनी पर्याप्त इंफॉर्मेशन दे सकेंगे। अगर कोई कंसल्टेंट आपको जाॅब आॅपर्च्युनिटी के बारे में कॉल करते हैं तो उनसे आप एक मेल लिखने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं जिसमें उस कंपनी का लोगो, कॉन्टेक्ट नंबर और ऑफिशियल लॉगइन हो।
इस तरह लगाएं फेक जॉब का पता
कोई जॉब फेक है या नहीं इसका पता लगाने के लिए आप सबसे पहले ईमेल के टॉप के नजदीक शो डीटेल्स वाले ऑप्शन पर क्लिक करें और मेलर की ऑथेंटिसिटी को चेक करें। यहां मेल्ड बाय और साइन्ड बाय के काॅलम में एक जेनुइन रिक्रूटर प्लेटफॉर्म से जुड़े लोगों के क्रेडेंशियल्स हमेशा मौजूद होते हैं।अगर आपने जॉब के लिए अप्लाय कर दिया है तो सिर्फ जेनुइन रिक्रूटर्स और कंसल्टेंट्स ही आपको कॉल करेंगे। इसके अलावा आपकी बातचीत आपके बैकग्राउंड, अनुभव और स्किल्स के बारे में ही होगी। बातचीत में कहीं भी फीस, पेमेंट की डिमांड नहीं होगी।
सही रिक्रूटमेंट प्लेटफॉर्म ही अपनी पर्याप्त इंफॉर्मेशन दे सकेंगे। अगर कोई कंसल्टेंट आपको जाॅब आॅपर्च्युनिटी के बारे में कॉल करते हैं तो उनसे आप एक मेल लिखने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं जिसमें उस कंपनी का लोगो, कॉन्टेक्ट नंबर और ऑफिशियल लॉगइन हो।
0 comments:
Post a Comment