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Leather technology colleges |
Leather Technology Course, College and Jobs after 12th Career
लेदर आजकल हमारे रोजमर्रा के जीवन का विशिष्ट अंग बन गया है। फैशन में लेदर की उपयोगिता बढ़ी है, चाहे हम जूतों की बात करे या फिर लेदर जैकेट्स की खूबसूरत लेदर पर्स की बात हो या फिर लेदर बैग्स की। देश में लेदर तकनीकी एक उद्योग का रूप ले चुकी है और इसकी मांग तेजी से बढ़ी है। बढ़ती हुई मांग और लेदर तकनीकी विशिष्टता ने युवाओं के लिए इस क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसर सृजित किये हैं। एक समय था, जब भारत से चमड़े का निर्यात मात्र कच्चे माल के रूप में हुआ करता था और तैयार चमड़ा उत्पादों को बड़े पैमाने पर अन्य देशों से आयात किया जाता था। समय के साथ आये बदलावों, नई तकनीकों के इस्तेमाल और उच्च गुणवत्ता वाले विभिन्न प्रकार के चमड़ा उत्पादों को तैयार करने में महारत हासिल करने के बाद इनके बड़े निर्यातकों की सूची में भारत ने अपना स्थान बनाने में अब सफलता हासिल कर ली है। देश की कुल निर्यातआमदनी में योगदान देने वाले शीर्ष 8 उद्योगों में चमड़ा उद्योग का भी नाम शुमार किया जाता है।
वर्तमान स्थिति (Present Position in Leather Diploma)
हाल के वर्षों तक भारत में अकुशल और अर्धकुशल लोगों की इस क्षेत्र में भरमार हुआ करती थी। अब स्थिति काफी तेजी से बदल रही है और चमड़े के उत्पादों को भारतीय कंपनियों द्वारा तैयार किया जा रहा है। विदेशी कंपनियों के आने और ऑटोमैटिक प्रोडक्शन यूनिट्स की स्थापना तथा बेहतर तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के कारण इस विधा की नई तकनीक में दक्ष युवाओं को ही नौकरी के लिए चुना जाने लगा है। इसी कारण इसमें प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत बढ़ती जा रही है।
दक्षता और अवसर (Skills for Leather Technology)
यह बुनियादी तौर पर डिजाइनिंग प्रोडक्शन और मार्केटिंग पर आधारित पेशा है। अगर डिजाइनिंग में दिलचस्पी है तो सृजनशील और कल्पनाशील युवाओं के लिए इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की पर्याप्त संभावनाएं हो जाती हैं।
दूसरी ओर प्रोडक्शन आधारित नौकरी में रूचि है तो कर्मठ और मेहनती होना जरूरी है, क्योंकि कई बार फैक्ट्री की प्रोडक्शन इकाइयों में बड़े ऑर्डर मिलने पर लंबे समय तक शिफ्ट्स में काम करना पड़ सकता है। अमूमन ये प्रोडक्शन इकाइयां शहरों से दूर छोटी जगहों पर स्थित होती हैं। ऐसे स्थानों पर काम करने में झिझक नहीं होनी चाहिए।
तकनीकी ज्ञान इस प्रौद्योगिकी के माध्यम से युवाओं को चमड़े की प्रोसेसिंग, उत्पादन और रिफाइन्मेंट पर आधारित विभिन्न प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि प्रोसेस्ड चमड़े को विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार करने के प्रयोग में लाया जा सके।
ट्रेनिंग प्रोग्राम (Training programe of Leather Courses)
इस ट्रेड पर आधारित कई तरह के शॉर्ट टर्म और पूर्णकालिक कोर्सेज देश में उपलब्ध है। इसमें खासतौर पर बीटेक (लेदर टेक्नोलॉजी), बैचलर ऑफ डिजाइन (लेदर डिजाइन), डिप्लोमा इन फटवियर डिजाइन एंड प्रोडक्शन, सार्टिफिकेट इन शू डिजाइनिंग एंड प्रोडक्शन, कम्प्यूटर एडेड शू डिजाइनिंग जैसे कोर्सेज का उल्लेख किया जा सकता है। बाद में एमटेक स्तर के कोर्स भी इस विषय में किये जा सकते हैं। बीटेक (लेदर टेक्नोलॉजी) के लिए 12वीं स्तर पर विज्ञान विषय होना जरूरी है।
रोजगार के मौके (Jobs and Career in Leather Technology)
B.Tech Degree Holder के लिए अमूमन शुरूआती नौकरी Leather Technician के तौर पर कंपनियां देती है। इसके अलावा लेदर Product Designer, Leather Process engineer, Quality Control Manager आदि पदों पर प्रोन्नति का क्रम समय और अनुभव के साथ जारी रहता है। इस इंडस्ट्री में शरुआती वेतन औसत कहा जा सकता है, पर प्रतिभा और मेहनत के बूते धीरे-धीरे इसमें बढ़ोतरी होती चली जाती है। नामी भारतीय कंपनियों में नौकरी के अतिरिक्त बहराष्ट्रीय और अन्य ब्रांडेड चमड़ा उत्पाद तैयार करने वाली कंपनियों में भी करियर संवारने के कम अवसर नहीं है।
प्रमुख संस्थान ( Leather technology colleges)
- सेन्ट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, आगरा।
- मुजफ्फरपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मुजफ्फरपुर।
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, (दिल्ली, कोलकाता, बंगलूरू और चेन्नई)
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