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What is the salary of robotic engineer in India? |
सामान्यतया रोबोट विशेषज्ञ रोबोट को दो श्रेणियों में विभाजित करते हैं, औद्योगिक रोबोट और सेवा रोबोट । सेवा रोबोट (बॉट) की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। अमेरिकी कंपन ऑटोमेशन एनीव्हेयर का लक्ष्य है कि वह 2020 तक 30 लाख बॉट तैयार करेगी, जो इसकी वर्तमान क्षमता का 5 गुना होगा। ये बॉट लगभग वे सभी काम कर सकते हैं, जो मनुष्य कर सकते हैं। कॉग्निटिव तकनीक के माध्यम से बॉट एक व्यक्ति की तरह सोच सकता है और एनालिटिक्स के माध्यम से गणनाएं कर सकता है। उनकी उत्पादकता भी मनुष्यों से लगभग 4 गुना ज्यादा है । साथ ही, इनकी गणनाएं अधिक सटीक होती हैं। एक बॉट कम से कम 3 आदमियों के बराबर काम कर सकता है। उल्लेखनीय है कि इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा कार्यरत रोबोट जापान में हैं। जहां इनकी संख्या जापान में करीब 3.50 लाख है, वहीं अमेरिका में 1,68,623, जर्मनी में 1.75 लाख तथा चीन में एक लाख से अधिक है। रोबोट की संख्या भारत में 16,000 से अधिक हैं। अमेरिका |में पिछले दस साल में 72 प्रतिशत की रफ्तार से रोबोट उद्योग बढ़ा है। इन आँकड़ों से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस क्षेत्र में रोजगार की कितनी चमकीली संभावनाएं हैं।
रोबोट का अध्ययन रोबोटिक्स इंजीनियरिंग के अन्तर्गत किया जाता है। रोबोटिक्स इंजीनियरिंग के अंतर्गत रोबोट की डिजाइनिंग, उनका अनुरक्षण, नए एप्लीकेशन का विकास और अनुसंधान जैसे काम सम्मिलित किए जाते हैं। रोबोटिक्स में मैनिपुलेशन तथा प्रोसेसिंग के लिए कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है। इंजीनियरिंग की रोबोटिक्स शाखा में बेसिक इंजीनियरिंग के सिद्धांत तथा रोबोट्स का विकास तथा उपयोग करने के लिए तकनीकी दक्षता सिखाई जाती है। इसमें डिजाइन इंस्ट्रक्शन, ऑपरेशन टेस्टिंग, सिस्टम मेंटेनेंस तथा रिपेयरिंग आदि शामिल हैं। गौरतलब है कि रोबोट का इस्तेमाल मैन्युफैक्चरिंग संयंत्रों में बहुतायत में होता है। उद्योगों में रोबोट्स का उपयोग निर्माण प्रक्रिया को तेज करने के लिए किया जाता है। औद्योगिक रोबोट्स द्वारा वेल्डिंग, पेंटिंग तथा मशीनों में कलपुर्जे लगाने का काम किया जाता है। रोबोट्स असेम्बलिंग, कटिंग तथा ऑटोमोबाइल्स के विभिन्न पाटर्स को लगाने का काम भी बड़ी कुशलता एवं दक्षता से करते हैं। एटॉमिक, थर्मल तथा न्यूक्लियर पॉवर स्टेशनों पर खतरनाक एवं जोखिम वाले तत्वों की साज-संभाल तथा मेंटेनेंस में भी इंसानों के बजाय रोबोटों का प्रयोग बढ़ा है। अब मिलिट्री ऑपरेशंस में भी रोबोट दिखाई देने लगे हैं। इन्हें न्यूक्लियर साइंस, सी-एक्सप्लोरेशन, इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स की ट्रांसमिशन सर्विस, बायोमेडिकल इक्विपमेंट की डिजाइनिंग आदि के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। आजकर रोबोट शल्य चिकित्सा करते हैं, बारूदी सुरंगों को हटाते हैं तथा बमों को निष्क्रिय करते हैं। जिस तरह से दिन-प्रतिदिन रोबोटों की मांग बढ़ती जा रही है, उसे देखते हुए ऑटोमेशन एंड रोबोटिक्स एक शानदार एवं चमकदार करियर बनता जा रहा है।
रोबोटिक्स इंजीनियरिंग शाखा कम्प्यूटर विज्ञान की ही वह शाखा है, जिसमें यह सीखा जाता है कि कम्प्यूटर में आदमी जैसी बुद्धि कैसे आए। ऑटोमेशन एंड | रोबोटिक्स एक मल्टीडिसिप्लिनरी फील्ड है, जिसमें कम्प्यूटर साइंस, न्यूरोसाइंस, मनोविज्ञान आदि विषय भी शामिल किए जाते हैं। कृत्रिम बुद्धि का उद्देश्य ऐसे कम्प्यूटर प्रोग्राम बनाना होता है, जो समस्याओं को हल कर सकें। इसमें रिसर्च की दो मुख्य धाराएं होती हैं। एक जैविक है, जो इस विचार पर आधारित है कि आदमी सबसे बुद्धिमान होता है इसलिए आदमी का अध्ययन किया जाए और उसके मनोविज्ञान या शरीर संरचना की रोबोट के रूप में नकल उतारी जाए। दूसरा है घटना प्रधान जो संसार के बारे में साधारण ज्ञान की बातों के अध्ययन से संबंधित है। रोबोटिक्स इंजीनियर ऐसे सिस्टम विकसित करते हैं, जिनसे मशीनों से इंटरेक्ट किया जा सके।
रोबोटिक्स के अध्ययन के लिए इंजीनियरिंग डिग्री आवश्यक है। इस क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिक्स तथा कम्प्यूटर साइंस जैसे सहयोगी क्षेत्रों का ज्ञान शामिल होता है। इसलिए इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने वालों को इन। क्षेत्रों से संबंधित तकनीकों से भी अवगत होना चाहिए। यदि आप रोबोटिक्स में डिजायनिंग तथा कंट्रोल में विशेषज्ञता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करनी होगी। कंट्रोल तथा हार्डवेयर में डिजायनिंग के लिए इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक डिग्री लाभदायक होती है। रोबोटिक्स में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले छात्र गणित में बहुत अच्छे होने चाहिए। रोबोटिक्स के क्षेत्र में करियर बनाने हेतु 12वीं कक्षा में भौतिक एवं गणित विषय होना नितांत आवश्यक है। इसके साथ ही साथ उच्चतम प्रतियोगी तथा तकनीकी क्षेत्र में आविष्कार तथा कुछ नया करने के लिए सृजनात्मक योग्यता भी बेहद जरूरी है।
ऑटोमेशन तथा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में करियर बनाने वालों को सबसे पहले यह करना होगा कि वह कम्प्यूटर, आईटी, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स अथवा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीई या बीटेक की डिग्री प्राप्त करें। यदि आप उच्च अध्ययन करते हैं तो इस क्षेत्र में आपके प्रवेश की संभावना और अवसर दोनों ही बढ़ जाएंगे।
रोबोटिक्स इंजीनियरिंग में कोर्स करने वाले छात्र इसरो जैसे अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में रोजगार के विशिष्ट अवसर प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही रोबोटिक्स इंजीनियरों की माइक्रोचिप बनाने वाले उद्योगों में भी खासी मांग है। रोबोटिक्स इंजीनियरिंग में स्पेशलाइजेशन से मैन्युफैक्चरिंग, कृषि, खनन, परमाणु ऊर्जा संयंत्र जैसे क्षेत्रों में करियर निर्माण के दरवाजे खुल जाते हैं। वर्तमान समय में रोबोटिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में योग्य और गुणी प्रोफेशनल्स के सामने करियर निर्माण का एक सुनहरा संसार बाहें पसारे खड़ा है।
प्रमुख संस्थान
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), दिल्ली, कानपुर, मद्रास, मुंबई, खड़गपुर, गुवाहाटी, रूड़की आदि
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बंगलुरू बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स), पिलानी । Lथापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पटियाला एम.एस. यूनिवर्सिटी, बड़ौदा
- नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
- सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड रोबोटिक्स, बंगलुरू
- जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद, हैदराबाद
- कोचिन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी कोच्चि
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